बीजेपी को दिया वोट तो घर से निकाला, अब इस मामले में आया नया मोड़

पुलिसिया जांच जारी

Update: 2022-03-22 01:43 GMT

यूपी। बरेली में बीजेपी को वोट देने पर घर से निकालने और 3 तलाक़ की धमकी के मामले में अब नया मोड़ आ गया है. उजमा के ससुराल वालों ने एसएसपी से मिलकर अपना पक्ष रखते हुए कहा कि उजमा और उसके पति को 4 महीने पहले बेदखल कर दिया गया था. तब से उजमा और उसका पति किराए पर कहीं और रह रहे थे इसलिए उजमा ने जो आरोप लगाए है वो मनगढ़ंत हैं.

एसएसपी रोहित सिंह सजवाण के सामने अपना पक्ष रखने के लिए उजमा की सास और उनकी देवरानी पहुंची. जिनका कहना है कि उजमा और उसके पति को नवंबर 2021 में चल अचल संपत्ति से बेदखल कर दिया गया था. उजमा की देवरानी जाहिदा का कहना है कि मेरी जेठानी उजमा ने जो आरोप लगाए हैं कि बीजेपी को वोट देने पर उन्हें मारपीट कर घर से निकाल दिया गया है और 3 तलाक की धमकी दी जा रही है ये मनगढ़ंत है. 4 महीने पहले जेठ तस्लीम और उनकी पत्नी उजमा को बेदखल कर दिया गया था. उजमा और उसके पति का व्यवहार सही नहीं था. वो लोग सास ससुर के साथ मारपीट करते थे जिस वजह से दोनों को बेदखल कर दिया गया. तब से वे दोनों अलग रह रहे हैं.

वहीं उजमा की सास परवीन का कहना है कि हमने परेशान होकर अपने बेटे-बहू को 4 महीने पहले बेदखल कर दिया था और घर से निकाल दिया था. जिसके बाद हमें उनसे कोई मतलब नहीं रह गया. वो जिसको चाहे वोट दे हमें इससे कोई मतलब नहीं है. हमारा पति टीवी का मरीज है. मेहनत मजदूरी करके परिवार चलाता है. हम अपने बच्चों के साथ अलग रह रहे हैं. उजमा ने जो आरोप लगाए हैं वो गलत है. उजमा ने अपने देवर पर भी आरोप लगाए है जबकि उसका देवर जयपुर में काम करता है.

इस पूरे प्रकरण पर एसएसपी रोहित सिंह सजवाण का कहना है कि बारादरी थाना क्षेत्र के एजाज नगर गौटिया की रहने वाली उजमा ने आरोप लगाया है कि उसने पार्टी विशेष को वोट दिया था जिस वजह से उसे घर से निकाल दिया गया और 3 तलाक़ की धमकी दी गई है. इस मामले में बारादरी थाने में ससुरालवालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. वही उजमा की ससुराल वालों का कहना है कि 6 महीने पहले ही उजमा और उसके पति को उसकी चल अचल संपत्ति से बेक़दखल कर दिया गया था. उजमा झूठा आरोप लगा रही है. बारादरी थाने की पुलिस दोनों पक्षों की बात सुनकर मामले की विवेचना कर रही है. जो भी सत्य होगा उसके हिसाब से कार्रवाई की जाएगी.

गौरतलब है कि सोमवार को उजमा ने केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नक़वी की बहन फरहत नक़वी से मिलकर बीजेपी को वोट देने पर घर से निकालने और 3 तलाक़ की धमकी देने के आरोप लगाए थे. फरहत नक़वी मेरा हक़ फाउंडेशन के नाम से एक संस्था चलाती हैं जहां 3 तलाक़ से जुड़े मुद्दों को उठाया जाता है. फिलहाल उजमा और उसके ससुराल वालों के आरोप में कितनी सच्चाई है इसका पता तो पुलिस की जांच के बाद ही चल सकेगा.


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