Monsoon से निपटने में मदद करेंगे स्वयंसेवक

Update: 2024-07-03 10:24 GMT
Shimla. शिमला। प्रदेश में आपदा से निपटने के लिए एसडीआरएफ अब जवानों के अलावा स्वयंसेवक भी बनाएगी। आपदा प्रभावित क्षेत्रों में बहुमूल्य जीवन बचाने के लिए स्वयंसेवकों की मदद ली जाएगी। प्रदेश के जिलों में स्वयंसेवकों को नियुक्त किया जाएगा। एसडीआरएफ की ओर से प्रदेश में स्वयंसेवकों की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। एसडीआरएफ की ओर से स्वयंसेवकों के लिए ऑनलाइन आवेदन मांगे गए हैं। स्वयंसेवकों के पंजीकरण को एसडीआरएफ की ओर क्यूआर कोड जारी किया गया है। इस क्यूआर कोड को स्कैन करके इच्छुक लोग स्वयंसेवक बनने के लिए पंजीकरण करवा सकते हैं। स्वयंसेवक बनने के लिए चिकित्सीय जांच आवश्यक है। यह पूर्णत: स्वयंसेवा का कार्य है और स्वयंसेवकों को कोई भी वित्तीय लाभ नहीं दिया जाएगा। स्वयंसेवक पंजीकरण करवाने के लिए पुरुष और
महिला कोई भी आवेदन कर सकते हैं।
स्वयंसेवक पंजीकरण के लिए आवेदक को आयु सीमा, मोबाइल नंबर, व्हाट्सऐप मोबाइल नंबर, ई-मेल आईडी, ब्लड ग्रुप, किसी आपात स्थिति में संपर्क करने वाले परिचत का नाम और मोबाइल नंबर और किस जिला में स्वेच्छिक सेवाएं देने के उपलब्ध होंगे। इसके अलावा पहचान प्रमाण पत्र, पूरा पता, शैक्षणिक योग्यता और वर्तमान व्यवसाय एवं पहचान पत्र पोर्टल पर उपलोड करना होगा। एसडीआरएफ के उच्च अधिकारी स्वयंसेवक के नामांकन को किसी भी समय रद्द या अस्वीकार कर सकेंगे। एसपी एसडीआरएफ अर्जित सेन ठाकुर का कहना है कि प्रदेश के आपदा प्रभावित क्षेत्रों में बहुमूल्य जीवन बचाने के लिए स्वयंसेवकों की मदद ली जाएगी। एसडीआरएफ द्वारा बनाए जाने वाले स्वयंसेवक भीड़ को नियत्रिंत करने में सहायता, मलबा हटाने में सहायता, आग बुझाने में सहायता, खोज व बचाव कार्य में सहायता, प्रभावित लोगों की आपदा निकासी, चिकित्सीय प्राथमिक सहायता, मनोवैज्ञानिक प्राथमिक सहायता देना, सोशल मीडिया के प्रबंधन में सहायता, रिपोर्टिंग व दस्तावेजीकरण, आंकड़ों व सूचना का प्रबंधन, फोटो ग्राफी और वीडियो ग्राफी, प्रशिक्षण व क्षमता वृद्धि व अन्य क्षेत्रों में सेवाएं दे सकेंगे। आवेदक को इन क्षेत्रों में से अधिकत तीन विकल्प दे सकेंगे।
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