वाराणसी: CNG के बाद चलेंगी अब इलेक्ट्रिक बसें, पीएम मोदी के क्षेत्र में लिए गए कई बड़े फैसले

Update: 2021-09-01 17:03 GMT

वाराणसी। काशी की आबोहवा को साफ और प्रदूषण मुक्त बनाने को लगातार काम हो रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के वाराणसी (Varanasi) से सांसद बनने के बाद इस दिशा के कुछ बड़े फैसले लिए गए, जो अब जमीन पर नजर आने लगे हैं. इसी कड़ी में सीएनजी स्टेशन बनाने के बाद अब शहर में इलेक्ट्रिक बसें चलने जा रही हैं. गंगा किनारे बसे दुनिया के सबसे प्राचीन शहरों में शुमार बनारस की आबोहवा के बारे में कहा जाता है कि कभी यहां आने के बाद बहुत शांति सुकून मिलता था, लेकिन बीते कई दशकों से यहां हवा को प्रदूषण मुक्त रखने की दिशा में कोई बड़ी पहल नहीं की गई. साल 2014 में वाराणसी से सांसद बनने के बाद देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसका बीड़ा उठाया. शुरुआत शहर के भीतर से की गई. पेट्रोल डीजल के अलावा प्राकृतिक गैस की दिशा में कदम उठाते हुए ऊर्जा गंगा के तहत एक के बाद एक सीएनजी पेट्रोल पंप खोले गए. उसके बाद डीजल बोट के दमघोंटू धुएं से गंगा को मुक्ति दिलाने के लिए देश में पहली बार गंगा नदी पर सीएनजी स्टेशन बनाया गया.

पहले अस्थाई स्टेशन बनाकर नावों में सीएनजी किट लगाई गई, अब खिड़किया घाट पर ही स्थाई स्टेशन बनाने का काम गेल की ओर से अंतिम चरण में है. इसके साथ ही सीएम योगी आदित्यनाथ ने पीएम मोदी के इस सपने में अपनी कोशिशों से रंग भरते हुए बनारस में इलेक्ट्रिक बसें चलाने का निर्णय लिया. तमाम औपचारिकताओं के बाद अब बनारस को पहली खेप के तौर पर 50 बसें मिलने जा रही हैं. कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने बताया कि बसों के चार्जिंग के लिए प्रयागराज रोड पर मिर्जामुराद में बड़ा चार्जिंग स्टेशन बनाने का काम भी अंतिम चरण में है. किस किस रूट पर बसें चलेंगी और कहां कहां स्टापेज होगा, इसके लिए वाराणसी सिटी ट्रांसपोर्ट लिमिटेड के लोगों से बातचीत कर फैसला लिया जाएगा. स्मार्ट टिकटिंग की व्यवस्था होगी. निजी कंपनियों से प्रतिस्पर्धा के मद्देनजर रेट और एप्लीकेशन समेत तमाम प्लान कमिश्नर लखनऊ की अध्यक्षता में गठित कमेटी फाइनल करेगी. मिर्जामुराद के अलावा भविष्य में एयरपोर्ट पर भी एक छोटा चार्जिंग स्टेशन बन सकता है, जिससे एयरपोर्ट से वाराणसी कैंट स्टेशन तक चलने वाली बसों को सहूलियत मिल सके.

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