UPCL की आम बिजली उपभोक्ताओं को लूट

रसूखवालों को करोड़ों की छूट

Update: 2023-05-12 14:58 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | यूपीसीएल-ऊर्जा निगम के मनमाने बिजली के बिलों से जहां आम जनता से लूट हो रही है, वहीं करोड़ों के बकायेदारों को यूपीसीएल की चूक, लापरवाही के कारण छूट मिल जा रही है। यूपीसीएल ने मीटर स्लो चलने के मामले में प्रदेशभर के कई होटल, उद्योग, वाणज्यिक संस्थानों को बिजली के बिल संशोधित कर भेजे।

लाखों-करोड़ों के ऊर्जा निगम के इन बिलों को विद्युत लोकपाल ने पूरी तरह माफ कर दिया है।

दून शहर में ही करीब 200 से अधिक ऐसे मामले हैं, जिसमें 50 हजार से 1.80 करोड़ रुपये तक के बिजली के बिल माफ कर दिए गए। यूपीसीएल ने समय समय पर बड़े संस्थानों के मीटर की जांच की। जांच में यूपीसीएल ने पाया कि उक्त मीटरों में खपत से कम रीडिंग दिखाई जा रही है। इन मीटर की जांच को चेक मीटर लगाए गए। चेक मीटर में बिजली की खपत अधिक रही।

इस पर यूपीसीएल ने लाखों-करोड़ों रुपये के बिल जारी किए। इन बिलों को संस्थानों ने पहले विद्युत उपभोक्ता शिकायत निवारण मंच में चुनौती दी। मंच ने फैसला यूपीसीएल के पक्ष में दिया। मीटर की एमआरआई जांच के आधार पर आई रिपोर्ट को फैसलों का आधार बनाया गया।

बाद में लोकपाल ने मंच के फैसलों को ये कहते हुए पलट दिया कि जिन चेक मीटर की रिपोर्ट को आधार बनाया जा रहा है, उनकी कोई प्रमाणिकता नहीं है। चेक मीटर यूपीसीएल की लैब एनएबीएल से प्रमाणित नहीं हैं।

पहुंच वालों के 20 करोड़ रुपये से ज्यादा के बिल माफ: जिन लोगों के लाखों-करोड़ों रुपये के बिल माफ हुए हैं, वे सभी रसूखदार हैं। कोई उद्योगपति है तो कोई होटल मालिक। किसी का नामी-गिरामी स्कूल है तो किसी का बड़ा वाणिज्यिक संस्थान है। पूरे उत्तराखंडमें करीब 1500 से अधिक फैसलों में विद्युत लोकपाल ने मंच के फैसलों को पलटा है। इससे यूपीसीएल को 20 करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हुआ है।

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