प्रस्ताव पर संयुक्त किसान मोर्चा ने फिर जताया ऐतराज, कहा - अब टाइम बताओ

Update: 2021-12-07 13:42 GMT

किसान आंदोलन के खत्म होने पर फिर सस्पेंस नजर आ रहा है. केंद्र सरकार की ओर से किसानों को भेजे गए 5 प्रस्ताव पर संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) को ऐतराज है. ऐसे में आंदोलन कब समाप्त होगा, ये अभी नहीं कहा जा सकता है. बताया जा रहा है कि सरकार ने अपने प्रस्ताव में कहा है कि MSP पर कमेटी बनाई जाएगी. साथ ही आंदोलन के वक्त दर्ज हुए मुकदमे वापस होंगे. इसके अलावा मुआवजे पर हरिणाया और यूपी सरकार ने सैद्धांतिक सहमति दे दी है. वहीं, संयुक्त किसान मोर्चा ने केस वापसी का टाइम पूछा है. साथ ही मुआवजा पंजाब के तर्ज पर देने की मांग की है.

सरकार ने भेजे ये 5 प्रस्ताव

1- MSP पर प्रधानमंत्री ने स्वयं और बाद में कृषि मंत्री ने एक कमेटी बनाने की घोषणा की है, जिसमें केंद्र, राज्य सरकार और किसान संगठनों के प्रतिनिधि सम्मिलत होंगे. इसमें संयुक्त किसान मोर्चा के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे.

2- जहां तक किसानों के आंदोलन के वक्त के केसों का सवाल है तो यूपी और हरियाणा सरकार ने इस पर सहमति जता दी है. आंदोलन समाप्त होने के बाद तत्काल केस वापस ले लिए जाएंगे.

3- मुआवजे का जहां तक सवाल है, इसके लिए हरिणाया और यूपी सरकार ने सैद्धांतिक सहमति दे दी है. वहीं, दोनों विषयों के संबंध में पंजाब सरकार ने भी सार्वजनिक घोषणा कर दी है.

4- बिजली के बिल पर सरकार का कहना है कि इस पर पहले सभी स्टेकहोल्डर्स के साथ बातचीत की जाएगी.

5- पराली के मुद्दे पर केंद्र सरकार ने जो कानून पारित किया है उसकी धारा 14 एंव 15 में क्रिमिनल लाइबिलिटी से किसानों को मुक्ति दी है.

केंद्र के प्रस्ताव पर SKM को ऐतराज

वहीं, मंगलवार को आगे की रणनीति पर चर्चा के लिए सिंघु बॉर्डर पर SKM ने बैठक की. इस बैठक के बाद संयुक्त किसान मोर्चा के पदाधिकारियों केंद्र सरकार की ओर भेजे गए प्रस्ताव पर ऐतराज जताया. संगठन की ओर से कहा गया कि सरकार का लिखित प्रस्ताव देना अच्छा है, मगर कुछ प्रस्ताव पर स्पष्टीकरण की जरूरत है.

कमेटी में सिर्फ SKM के प्रतिनिधि हों

SKM के नेताओं ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कमेटी में कुछ किसान संगठनों को लेकर लेकर आपत्ति जताई. उनका कहना है कि कमेटी में संयुक्त किसान मोर्चा के ही प्रतिनिधि होने चाहिए. SKM का आरोप है कि सरकार अपने समर्थन वाले किसान संगठनों को MSP कमेटी में शामिल करेगी.

केस वापसी का समय देना चाहिए

आंदोलन के दौरान दर्ज किए गए केसों की वापसी पर सरकार को समय-सीमा देना चाहिए. वहीं, केंद्र को पंजाब सरकार की तर्ज पर मुआवजा मिलना चाहिए. संयुक्त किसान मोर्चा का कहना है कि आंदोलन में मृत सदस्य के परिजनों को 5 लाख रुपये और घर के एक सदस्य को नौकरी देने की मांग की गई है. संयुक्त किसान मोर्चा ने गृह मंत्रालय के प्रस्ताव पर भी ऐतराज जताया, जिसमें कहा गया कि आंदोलन समाप्ति की शर्त पर ही किसानों पर दर्ज मामले वापस लिए जाएंगे. बता दें कि किसान एमएसपी पर कानूनी गारंटी, किसानों पर दर्ज केस की वापसी और किसान आंदोलन के दौरान शहीद किसानों को मुआवजा देने की मांग पर लिखित आश्वासन मांग रहे थे.


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