बाल विवाह करवाया तो दो साल की जेल

Update: 2024-04-30 11:28 GMT
पाडछू। उपमंडलाधिकारी धर्मपुर जोगिंद्र पटियाल की अध्यक्षता में सोमवार को बाल विवाह रोकथाम हेतु गठित समिति की बैठक हुई। बैठक में बाल विवाह निषेध अधिनियम के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की गई। एसडीएम जोगिंद्र पटियाल ने बताया कि बाल विवाह एक कानूनी अपराध एवं सामाजिक कंलक है। बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006 के अंतर्गत लडक़ी की विवाह की न्युनतम आयु 18 वर्ष तथा लडक़े की 21 वर्ष है।
यदि कोई इसका उल्लंघन करता है तो लडक़ा, लडक़ी के माता पिता एवं विवाह में शामिल होने वाले सभी लोगों पर इस अधिनियम के तहत कानूनी कार्यवाही की जाएगी जिसमें कम से कम दो वर्ष का कारावास एवं एक लाख रूपए तक का जुर्माना अथवा दोनों हो सकते है। एसडीएम ने बताया कि 18 वर्ष से कम आयु की लडकी तथा 21 वर्ष की आयु से कम लडक़े का विवाह गैर कानूनी है तथा उन्होंने इसकी रोकथाम हेतू प्रचार-प्रसार तथा वांछित कार्यवाही हेतू निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इसकी रोकथाम हेतू प्रत्येक नागरिक का सहयोग आवश्यक है। बाल विवाह की ज्यादातर शिकार लड़कियां होती है जिसका कारण दहेज प्रथा, गरीबी, परम्परा, असुरक्षा एवं अशिक्षा हो सकता है। इसके व्यापक शारीरिक मानसिक एवं सामाजिक दुष्प्रभाव है।
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