कल PM मोदी और सीएम योगी सहित 13 सदस्य वर्चुअल मीट में होंगे शामिल

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार यानी कल लगभग 11 बजे अयोध्या में किये जा रहे .

Update: 2021-06-25 13:56 GMT

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार यानी कल लगभग 11 बजे अयोध्या में किये जा रहे विकास कार्यों का विजन डाक्यूमेंट (future vision of Ayodhy) देखेंगे. इस वर्चुअल मीट में पीएम नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के जरिये जुड़ेंगे और अयोध्या के विकास का विज़न डॉक्यूमेंट देखेंगे. प्रधानमंत्री मोदी के अलावा अन्य 13 सदस्य भी इस वीडियोकॉन्फ्रेंसिंग में शामिल होंगे.

वहीं मिली जानकारी के अनुसार यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने आवास पर वर्चुअल माध्यम से इस मीट में जुड़ेंगे साथ ही उनके अलावा इस बैठक में दोनो डिप्टी सीएम केशव मौर्य (Deputy CM Keshav Maurya) और दिनेश शर्मा (Dinesh Sharma) भी रह सकते हैं. इसके अलावा वित्त मंत्री सुरेश खना (Suresh Khana), नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन (Urban Development Minister Ashutosh Tandon), पर्यटन मंत्री नील कंठ तिवारी (Neel Kanth Tiwari), सिंचाई मंत्री महेंद्र सिंह (Mahendra Singh) भी होंगे बैठक में शामिल हो सकते हैं.
इस मीट में अयोध्या विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विशाल सिंह भी होंगे शामिल होंगे. वहीं चीफ़ सेक्रेटरी के अलावा प्रमुख सचिव पर्यटन, अपर मुख्य सचिव नगर विकास समेत अन्य विभागों के प्रमुख सचिव मौजूद रहेंगे. वहीं प्रमुख सचिव आवास विकास प्रेजेंटेशन देंगे.
1200 एकड़ में वैदिक सिटी का खाका तैयार
दरअसल अयोध्या के इंफ्रास्ट्रक्चर में 1200 एकड़ में वैदिक सिटी, अयोध्या की संस्कृतिक 84 कोस का संपूर्ण विकास करने के लिए खाका तैयार किया जा रहा है. इस इंफ्रास्ट्रक्चर को पीएम की कसौटी पर खरा साबित होने के लिए कंसल्टेंट कंपनी ली एसोसिएट्स के साथ अयोध्या विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विशाल सिंह रूपरेखा को त्रुटि रहित बनाने में लगे हुए हैं.
इन बातों को ध्यान में रखकर किया जा रहा है डेवेलप्मेंट प्लान तैयार
वहीं बीते फरवरी के दूसरे पखवाडे़ से ही कंसल्टेंट एजेंसी विजन डॉक्यूमेंट तैयार करने में लगी हैं. श्री रामनगरी के विकास पर करीब पांच सौ लोगों की राय डॉक्यूमेंट में शामिल की जा चुकी है. रामनगरी के संत-महंतों के अतिरिक्त श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट सहित सांसद, विधायक, शिक्षाविद सहित अन्य लोगों के सुझाव लिए जा चुके हैं. ये क्रम अभी भी जारी है. अयोध्या के साथ साथ आसपास के जनपदों में भी साधु संतों और ऋषियों की तपस्थली का विकास होगा. सरकार का प्रयास है कि अयोध्या का सिर्फ आधुनिकीकरण न हो उसका पुरातन स्वरूप भी बरकरार रहना चाहिए, इसी को ध्यान रखते हुए अयोध्या का डेवेलप्मेंट प्लान तैयार किया जा रहा है.
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