हाउसिंग कालोनियों में नहीं लगेगा अतिरिक्त टैक्स

Update: 2024-05-07 09:17 GMT
शिमला। हिमुडा या अन्य हाउसिंग एजेंसियों की हाउसिंग कालोनी में संबंधित शहरी निकायों को मालिकाना हक नहीं मिलेगा, न ही कोई प्रॉपर्टी राइट होगा। अन्य स्टेकहोल्डर की तरह शहरी निकाय इन कालोनियों में भी सेवाएं देंगे। इन सेवाओं के बदले कोई एडिशनल टैक्स नहीं वसूला जा सकेगा। जो टैक्स अन्य क्षेत्रों में नगर निगम या नगर परिषद लगाएगी, वही टैक्स इन कालोनियों में भी लागू होगा। शहरी क्षेत्र में आने वाली हाउसिंग बोर्ड कालोनी और स्थानीय शहरी निकाय के बीच में पैदा हुए विवादों को खत्म करने के लिए इस तरह की व्यवस्था राज्य सरकार बनाने जा रही है। सोमवार को शहरी विकास एवं टीसीपी के प्रधान सचिव देवेश कुमार ने इन सभी संबंधित एजेंसियों की एक संयुक्त बैठक बुलाई थी। इसकी वजह यह थी कि आपस के झगड़े बढ़ रहे थे और कुछ मामले, तो हाई कोर्ट तक चले गए थे। हाई कोर्ट ने भी राज्य सरकार को इस तरह के मामलों में समन्वय बनाने के निर्देश दिए थे। इस संयुक्त बैठक में शहरी विकास विभाग के प्रधान सचिव ने नगर निगम शिमला, शहरी विकास विभाग, शिमला जल प्रबंधन निगम और हिमुडा के अधिकारियों को बुलाया गया था।

बैठक में बताया गया कि सडक़ पर यलो लाइन पार्किंग शहरी निकाय ने क्रिएट की, जिसके खिलाफ लोग हाई कोर्ट चले गए। इन कालोनियों में बरसात में यदि डंगा गिर जाए, तो इसे बनाने के लिए शहरी निकाय पर दबाव डाला जाता है। इस तरह के मामलों का हल करने के लिए कुछ फैसले इस बैठक में हुए। इन फैसलों के अनुसार हिमुडा की हाउसिंग बोर्ड कालोनी में यदि डंगा गिर जाता है या सडक़ टूट जाती है, तो उसे बनाने का काम शहरी निकाय का नहीं होगा। यदि रेजिडेंट वेलफेयर अथॉरिटी शहरी निकाय या स्थानीय निकाय को यह काम देती है, तो ही यह काम किया जाएगा। इस काम को या तो हिमुडा करेगा या रेजिडेंट वेलफेयर अथॉरिटी करेगी। इस तरह की कॉलोनी का कोई प्रॉपर्टी राइट शहरी निकाय को नहीं जाएगा। इसलिए यहां की सडक़ों या अन्य संसाधनों पर कोई यलो लाइन पार्किंग इत्यादि नहीं बनाई जाएगी, क्योंकि यह हाउसिंग प्लान का उल्लंघन हो जाएगा। शहरी निकाय को इन कालोनी में सभी तरह की उपलब्ध सेवाएं देनी हैं और इसके बदले यूजर चार्ज या टैक्स वही होगा, जो अन्य क्षेत्रों में लागू होगा। शहरी विकास विभाग के प्रधान सचिव देवेश कुमार ने बताया कि इस बैठक में आम सहमति बन गई है और प्रोसीडिंग जारी हो रही है। उसके बाद सभी संबंधित विभागों को स्पष्ट दिशा निर्देश लिखित में चले जाएंगे।
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