कोरोना की शर्तिया दवा के चक्कर में गई महिला की जान, इलाज कराने आश्रम जाना पड़ा भारी

पति ने की आरोपियों के खिलाफ जांच की मांग

Update: 2021-06-03 15:19 GMT

राजस्थान में जालोर जिले के आरवा गांव में बन रहे विश्व गुरु दत्तात्रेय आश्रम में साध्वी हेमलता व उसके कार्यकर्ताओं द्वारा दी गई कोरोना की शर्तिया दवा से एक विवाहिता की मौत हो गई. विवाहिता की मौत के बाद अब उसके पति ने न्याय दिलाने की मांग करते हुए शर्तिया दवाई देने वालों पर कार्रवाई की मांग की है. जानकारी के अनुसार, जाणीपूरा आरवा गांव में साध्वी हेमलता द्वारा विश्व गुरु दत्तात्रेय आश्रम बनवाया जा रहा है. आश्रम में कोरोना की गारंटेड दवाई दी जा रही है. ऐसे में आश्रम के पास रहने वाला हनुमान जांदू अपनी पत्नी झिमो को 13 मई को पहली बार बुखार आने पर इलाज के लिए आश्रम लेकर गया. आश्रम में मौजूद लोगों ने महिला के पहले से चल रही थॉयराइड की दवाई को बंद करवाकर आयुर्वेदिक दवाई के डिब्बे पकड़ा दिए जिसके बाद महिला की तबीयत बिगड़ी तो आश्रम वापस लेकर गए तो वहां पर वापस कोरोना पॉजिटिव बता कर नया इलाज शुरू कर द‍िया गया. 

करीब दस दिन तक इलाज के बाद महिला की तबीयत ज्यादा बिगड़ती चली गई जिसके बाद 28 मई की सुबह विवाहिता को हॉस्पिटल लेकर गए. वहां पर चिकित्सकों ने जांच करने के बाद थॉयराइड की दवाई बंद करने व आयुर्वेदिक दवाईयां ज्यादा देने से हालात बिगड़ने की बात कहते हुए 5 दिनों की दवाई देकर वापस घर भेज दिया. वापस आने के बाद 28 मई की रात को 3 बजे महिला की मौत हो गई. अब इस मामले में आश्रम में शर्तिया दवाई देने वालों पर कार्रवाई करवाने की मांग की है. जाणीपूरा आरवा निवासी हनुमान की पत्नी झीमो की आयुर्वेदिक दवाइयों की डोज ज्यादा होने से मौत हो जाने के बाद उसके सात साल के बेटे महिपाल व 3 साल की तरुणा के सिर से मां का साया उठ चुका है. छोटे बच्चे अपने पापा को मां के बारे में बार-बार रो-रो कर पूछ रहे हैं लेकिन पापा हनुमान के पास कोई जवाब नहीं है.

जाणीपूरा आरवा में आयुर्वेदिक दवाई लेने से विवाहिता की मौत 28 मई को हुई थी लेकिन मामला पहली बार 1 मई को सोशल मीडिया के जरिये सामने आया. सोशल मीडिया में विवाहिता झीमो के पति ने वाट्सएप ग्रुप में मेसेज डाला था जिसमें उसके साथ घटी घटना का जिक्र करते हुए न्याय दिलाने व आगे किसी और के साथ ऐसा नहीं हो, उसको लेकर पोस्ट डाली थी.

यह जानकारी मिलने के बाद पड़ताल की तो सामने आया कि पिछले तीन महीनों से आयुर्वेदिक दवाई को कोरोना की गारंटेड दवाई बता कर आश्रम से बेची जा रही थी. आश्रम से दवाई जिस किसी को दी गई है उसमें से किसी भी पीड़ित को बिल नहीं दिया गया है. विश्व गुरु दत्तात्रेय आश्रम में दवाई का पूरा गोरखधंधा तगाराम नाम का युवक संचालित करता है. पड़ताल में सामने आया कि तगाराम पूर्व में बस चलाता था. बाद में बसों का काम कम हुआ. पिछले साल लगे लॉकडाउन के बाद साध्वी हेमलता के साथ मिलकर आश्रम शुरू किया और दवाईया का धंधा शुरू कर दिया. जिले के चितलवाना क्षेत्र के जाणीपुरा आरवा से निकल रहे नेशनल हाइवे 925ए के किनारे बन रहे विश्व गुरु दत्तात्रेय आश्रम में आयुर्वेदिक दवाईयों को कोरोना की गारंटेड दवा बताकर विवाहिता महिला को दी गई. वहीं महिला के पूर्व में चल रही थॉयराइड की दवाई को बंद करवा दिया जिससे महिला की मौत हो गई. अब विवाहिता के पति ने सोशल मीडिया में पोस्ट डालकर शर्तिया इलाज करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है.

दरअसल एक किशोरी हेमलता के नाम से तथाकथित साध्वी के आश्रम से जुड़ा पूरा मामला है. साध्वी हेमलता अपने आश्रम से दूर अज्ञात स्थान पर बैठती है. आश्रम में आने वाले रोगी से जानकारी जुटा कर सेवक साध्वी को फोन के मार्फत बताती है. वहां से थोड़ी देर में साध्वी हेमलता मैसेंजर के माध्यम से दूसरे सेवक को उक्त रोगी के लिए कुछ नियम व टोना टोटका करने व आश्रम से दवाई लेने का कहती है. उसके बाद महंगी कीमत पर आश्रम से दवाई खरीदकर दी जाती है.

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