हुबली के ईदगाह मैदान में गणेश चतुर्थी समारोह का रास्ता साफ, हाईकोर्ट ने विरोध में दायर याचिका खारिज की
हुबली: कर्नाटक उच्च न्यायालय की धारवाड़ पीठ ने शुक्रवार को यहां विवादास्पद ईदगाह मैदान के परिसर में गणेश मूर्ति की स्थापना और गणेश चतुर्थी उत्सव मनाने का विरोध करने वाली याचिका खारिज कर दी। अंजुमन-ए-इस्लाम संगठन ने विवादास्पद स्थल पर पांच साल के लिए गणेश उत्सव मनाने की अनुमति देने के हुबली-धारवाड़ सिटी कॉर्पोरेशन की आम सभा के फैसले का विरोध करते हुए याचिका दायर की थी।
भाजपा विधायक अरविंद बेलाड ने बताया कि पीठ ने टिप्पणी की कि अंजुमन-ए-इस्लाम संगठन के पास ईदगाह मैदान मामले के संबंध में कोई अधिकार नहीं है। संपत्ति नगर निगम की है। उनके अनुसार, पीठ ने यह भी कहा कि अंजुमन-ए-इस्लाम संगठन के लिए त्योहार का विरोध करना उचित नहीं है। कोर्ट ने नगर निगम की संपत्ति में हस्तक्षेप नहीं करने का निर्देश दिया है।
नगर निगम ने करीब एक महीने पहले अपनी आम बैठक में ईदगाह मैदान में गणेश चतुर्थी के आयोजन की अनुमति देने का फैसला किया था, हालांकि बाद में उसने समारोह के आयोजकों को अनुमति पत्र देने से मना कर दिया था। अंजुमन-ए-इस्लाम ने 13 सितंबर को निगम की बैठक में हुये फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय का रुख किया था। भाजपा विधायक ने कहा कि आदेश के बाद, यह स्पष्ट है कि ईदगाह मैदान के संबंध में पूरा अधिकार अब नगर निगम के पास है और अब नगर निगम के आयुक्त को ईदगाह मैदान में गणेश उत्सव मनाने की अनुमति देनी होगी।
हाई कोर्ट में इस्लामिक संगठन की याचिका के बाद भाजपा और हिंदू संगठन ईदगाह मैदान में त्योहार मनाने की अनुमति की मांग को लेकर गुरुवार से हुबली-धारवाड़ नगर निगम के समक्ष विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। विरोध-प्रदर्शन में भाजपा विधायक महेश तेंगिनकायी भी शामिल हुए। हाई कोर्ट के फैसले के बावजूद प्रदर्शनकारी धरने पर बैठे हुये हैं। उनका कहना है कि अनुमति पत्र मिलने तक उनका प्रदर्शन जारी रहेगा। बेलाड ने पिछले बुधवार को कहा था कि चाहे कुछ भी हो, हुबली शहर के ईदगाह मैदान में गणेश प्रतिमा स्थापित की जाएगी।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार सिर्फ अपनी तुष्टिकरण की राजनीति के कारण ईदगाह मैदान में त्योहार मनाने की अनुमति नहीं दे रही है। विधायक बेलाड ने कहा, "मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने टीपू जयंती मनाई थी, जिसकी आवश्यकता नहीं थी। उन्होंने मुसलमानों के साथ नमाज भी अदा की थी। लेकिन, जब गणेश उत्सव के लिए अनुमति मांगी गई, तो इनकार कर दिया गया।"
उन्होंने कहा कि एक माह पहले जिला आयुक्त को भी पत्र लिखा गया था लेकिन प्रशासन की ओर से कोई जवाब नहीं आया। उन्होंने कहा, "ईदगाह मैदान नगर निगम की संपत्ति है। सरकार इसमें हस्तक्षेप नहीं कर सकती। चाहे वे अनुमति दें या नहीं, हम उस स्थान पर गणेश प्रतिमा स्थापित करेंगे।
"मैं भगवान गणेश के भक्तों के लिए बोल रहा हूं। मैं लोगों की भावनाओं को सरकार तक पहुंचा रहा हूं। पिछले साल सुप्रीम कोर्ट ने ईदगाह मैदान में मूर्ति स्थापित करने की अनुमति दी थी। इस बार भी गणेश प्रतिमा स्थापित करने का निर्णय लिया गया है। निगम की आम बैठक ने इसके लिए अनुमति दे दी थी।''
इस बीच, दलित महामंडल नेता गुरुनाथ उल्लिकाशी ने मांग की है कि हुबली के ईदगाह मैदान में गणेश उत्सव मनाने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार को टकराव और तनाव के हालात पैदा नहीं करने चाहिए।