मंच पर कांग्रेस सांसद और बीजेपी मंत्री के बीच पंगा, अब गृह विभाग ने दिए जांच के निर्देश
कर्नाटक। कर्नाटक के गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र ने बुधवार को रामनगर जिले के कार्यक्रम में विरोध प्रदर्शन की उम्मीद में विफलता पर पुलिस से रिपोर्ट मांगी, जहां सोमवार को कर्नाटक के सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्वथ नारायण और कांग्रेस सांसद डीके सुरेश का मंच पर आमना-सामना हो गया. गृह मंत्री ने प्रदर्शनकारियों के खिलाफ पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराने में पुलिस की खुफिया नाकामी का हवाला देते हुए जल्द से जल्द रिपोर्ट सौंपने की मांग की.रामनगर जिले में एक कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री (सीएम) बसवराज बोम्मई की मौजूदगी में दोनों नेता लगभग आमने-सामने आ गए.
यह कार्यक्रम राज्य सरकार द्वारा डॉ बी आर अंबेडकर और बेंगलुरु के संस्थापक केम्पेगौड़ा की प्रतिमाओं का अनावरण करने के लिए आयोजित किया गया था. मुख्यमंत्री के रूप में पदभार संभालने के बाद यह समारोह जिले में बोम्मई का पहला कार्यक्रम भी था.कार्यक्रम में मौजूद एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, 'समस्या तब शुरू हुई जब कांग्रेस कार्यकर्ता मंच पर चले गए जहां सीएम बोम्मई बैठे थे और शिवकुमार का समर्थन करने वाले नारे लगाए. कार्यक्रम शुरू होने से पहले वे काले झंडे भी लहरा रहे थे. पुलिस ने उन्हें हटा दिया और समारोह जारी रहा.
अधिकारी ने कहा कि जांच का आदेश दिया गया है ताकि यह पता लगाया जा सके कि विरोध प्रदर्शनों की पहचान करने में पुलिस की ओर से विफलता हुई या कांग्रेस कार्यकर्ताओं की ओर से. इस विरोध के बाद दोनों नेताओं के बीच गतिरोध पैदा हो गया था. अपने भाषण के दौरान, नारायण ने कांग्रेस नेताओं पर हमला किया और मंच पर चलने और नारे लगाने वाले पार्टी कार्यकर्ताओं की कार्रवाई पर सवाल उठाया. इसके बाद कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार के भाई सुरेश नारायण की ओर चल पड़े. यह देख सांसद ने उन पर आरोप लगाया तो मंत्री ने भाषण रोक दिया और सुरेश से तीखी बहस करने लगे. सुरेश के साथ कांग्रेस के बैंगलोर ग्रामीण एमएलसी एस रवि भी शामिल हो गए, जिन्होंने नारायण को बोलने से रोकने के लिए माइक फेंकने की भी कोशिश की.
इस बीच, कर्नाटक के गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र ने इस घटना को कांग्रेस नेताओं द्वारा बाहुबल का सार्वजनिक प्रदर्शन बताया.'मैं रामनगर जिला प्रशासन द्वारा आयोजित समारोह में कांग्रेस नेताओं के घोर कदाचार की निंदा करता हूं.'गृह मंत्री ने एक बयान में कहा, कर्नाटक के लोग इस तरह की संस्कृति को बर्दाश्त नहीं करेंगे.'डीके शिवकुमार ने कहा कि रामनगर में एक मंत्री का अहंकार दिखा. उन्होंने आगे कहा, मंत्री (नारायण) ने यह सुनिश्चित करने के लिए सब कुछ किया है कि उनके सीएम को सार्वजनिक रूप से अपमानित किया जाए और यह सीएम को (सार्वजनिक रूप से अपमानित करके) नीचे लाने की साजिश का एक हिस्सा है.