भारत और पड़ासी देशों में Earthquake (भूकंप ) का टला नहीं खतरा

Update: 2024-07-21 05:08 GMT
 WEATHER UPDATE : भारत एवं पड़ोसी देशों में आने वाले भूकंप के झटकों में कमी दर्ज की गई है। न सिर्फ रिक्टर स्केल पर पांच से अधिक तीव्रता वाले भूकंप, बल्कि कम तीव्रता वाले भूकंप की संख्या में भी कमी आई है। National Geographic  राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (एनसीएस) ने इस साल की पहली छमाही में दर्ज भूकंप के आंकड़ों की रिपोर्ट जारी की है।  देशभर के डेढ़ सौ से अधिक भूकंप मापी स्टेशनों ने इस साल जनवरी से जून के बीच 792 झटके दर्ज किए। इनमें 25 भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर पांच से अधिक रही है। वर्ष 2023 के पहले छह माह में कुल 871 भूकंप के झटके दर्ज हुए थे।
इसमें 29  Earthquake भूकंप की तीव्रता पांच के ऊपर थी। इसी तरह पिछले साल दूसरी छमाही यानी जुलाई से दिसंबर के बीच भूकंप की कुल घटनाएं 953 दर्ज हुईं। इनमें पांच से अधिक तीव्रता के 38 भूकंप थे। पिछले साल कुल 1826 भूकंप रिकॉर्ड किए गए।  इनमें पांच से अधिक तीव्रता के 67 झटके थे। पिछले साल की दोनों छमाही के आंकड़ों पर गौर करें तो इस साल की पहली छमाही में भूकंप के आंकड़ों में कमी दर्ज हुई है। देहरादून स्थित वाडिया हिमालय भू-विज्ञान संस्थान के वैज्ञानिक डॉ. नरेश कुमार के मुताबिक, इन आंकड़ों से राहत तो नजर आती है। यह राहत कितनी है इस पर स्पष्ट नहीं कहा जा सकता। क्योंकि अभी बड़े भूकंप का खतरा टला नहीं है। उनका यह भी कहना है कि पिछले साल दूसरी छमाही में भूकंपीय गतिविधियां बढ़ीं थीं। ऐसे में इस साल भी दूसरी छमाही के आंकड़े किस तरह के रहते हैं, इसपर नजर रहेगी।
भारत में भूकंप के झटके सबसे अधिक NATIONAL  राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के आंकड़ों से पता चलता है कि बीते छह माह में सबसे अधिक उत्तर भारत में 123 और उत्तर पूर्व भारत में 116 भूकंप के झटके आए। इसमें उत्तर भारत में लद्दाख, जम्मू एवं कश्मीर, हिमाचल और उत्तराखंड से लेकर उत्तर पूर्व भारत में मणिपुर, नागालैंड तक का क्षेत्र शामिल है। हरियाणा के झज्जर, राजस्थान के सीकर, यूपी के सोनभद्र, केरल के त्रिशूर में भी कम तीव्रता के भूकंप आ रहे हैं। कई भूकंप का केंद्र पड़ोसी देश नेपाल, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, चीन, म्यांमार आदि में रहा है।
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