शरद पवार की मीटिंग में शामिल विधायक ने अजित पवार का हाथ थामा

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Update: 2023-07-05 16:48 GMT
नई दिल्ली। अजित पवार और शरद पवार गुट की मुंबई में बैठक हुई। अजित पवार की बैठक में एनसीपी के 35 विधायकों और पांच एमएलसी के शामिल होने का दावा किया गया। वहीं, शरद पवार गुट की बैठक में 13 विधायक शामिल हुए। इसके अलावा बैठक में तीन एमएलसी और पांच सांसद भी मौजूद रहे। बैठक में जो विधायक शामिल हुए वो अनिल देशमुख, रोहित पवार, राजेंद्र शिंगणे, अशोक पवार, किरण लाहामाटे, प्राजक्त तानपुरे, बालासाहेब पाटिल, जितेंद्र आव्हाड, चेतन विट्ठल, जयंत पाटिल, राजेश टोपे, संदीप और देवेंद्र भूयर थे।
कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने कहा कि हम शरद पवार के साथ खड़े हैं। शरद पवार NCP के सच्चे नेता हैं। मुझे पता है कि उन पर ED का काफी दबाव है। हमें पता चल गया है कि भाजपा की वाशिंग मशिन शुरू हो गई है और धीमे-धीमे ED के सारे मामले अजित पवार और उनके विधायकों से खत्म होते चले जाएंगे। अजित पवार गुट ने चुनाव आयोग में एक हलफनामा दाखिल किया। उन्होंने चुनाव आयोग को बताया कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के सदस्यों के द्वारा 30 जून 2023 को भारी बहुमत के साथ एक प्रस्ताव पारित किया गया, जिसमें अजित पवार को NCP का अध्यक्ष चुना गया। साथ ही यह भी बताया गया है कि प्रफुल्ल पटेल एनसीपी के कार्यकारी अध्यक्ष थे और अभी भी बने हुए हैं। एनसीपी ने अजित पवार को महाराष्ट्र विधानसभा में एनसीपी विधायक दल का नेता नियुक्त करने का भी फैसला किया है।
एनसीपी विधायक रोहित पवार ने कहा कि पार्टियां नेताओं से नहीं बल्कि कार्यकर्ताओं और विचारधारा से चलती है। पवार साहेब ने 60 साल तक एक विचारधारा को बरकरार रखा। कार्यकर्ता उसी विचारधारा के साथ काम कर रहे हैं। अगर आप अपनी विचारधारा बदलते रहेंगे तो लोगों का आप पर से भरोसा उठ जाएगा। शरद पवार के करीबी एमएलसी एकनाथ खडसे ने कहा कि मुझे लगता है कि कार्यकर्ताओं का यह उत्साह आने वाले समय में हमारे विधायकों और सांसदों को निर्वाचित होने में मदद करेगा। हम निश्चित रूप से जीत सकते हैं। जब बीजेपी दो से 300 तक जा सकती है, तो हम ऐसा क्यों नहीं कर सकते। एनसीपी विधायक रोहित पवार ने कहा कि जब हमने 2019 में राजनीति में प्रवेश किया और विधानसभा चुनाव लड़ा तो पवार साहब 82 वर्ष के थे। हममें से अधिकांश लोग उनके कारण चुनकर आए थे। मुझे नहीं लगता कि उम्र ज्यादा मायने रखती है। जब शरद पवार लोगों के बीच जाएंगे तो पता चल जाएगा कि लोग किसके साथ हैं।
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