मंत्रालय ने कहा पंचायत स्तर पर पंचायत कृषि कार्यालय की स्थापना की गई और किराया 402 करोड़ रुपए राखी गई

सरकारी भवन से ही हो पंचायत कृषि कार्यालय का संचालन

Update: 2021-08-18 14:09 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क :- बिहार में पंचायत स्तर पर पंचायत कृषि कार्यालय की स्थापना की गई है. ज्यादातर कार्यालय तो सरकारी भवनों में चल रहे हैं. लेकिन बड़ी संख्या में पंचायत कृषि कार्यालय निजी भवन में भी चल रहे हैं. इन भवनों का किराया देने के लिए एक बार फिर से अधिकारियों को निर्देश जारी किया गया है. सरकार ने इसके लिए 402 करोड़ रुपए का बजट दिया है. अभी तकरीबन 3352 पंचायत में कार्यलय निजी भवनों में चल रहे हैं.

बिहार सरकार ने किसानों की सहुलियत के लिए प्रत्येक पंचायत में पंचायत कृषि कार्यालय की स्थापना की है. तकरीबन 8500 के करीब पंचायतों में कार्यालय खोले गए हैं. जिन पंचायत में सरकारी भवन नहीं हैं, वहां किराये पर लिए गए भवनों का मकान मालिक के साथ करार करते हुए राज्य के सभी पंचायतों में पंचायत कृषि कार्यालय की स्थापना की गई है.
सरकारी भवन से ही हो पंचायत कृषि कार्यालय का संचालन
कृषि मंत्रालय ने निर्देश दिया है कि जहां तक संभव हो पंचायत कृषि कार्यालय का संचालन सरकारी भवन में ही किया जाए. किराए पर लिए गए भवन का किराया निर्धारण नए तरीके से हो. इसके लिए अभिलेख तैयार कर मकान मालिक से इकरारनामा अनुमंडल पदाधिकारी – सह – किराया निर्धारण प्राधिकार को भेजकर किराए का निर्धारण करवा लिया जाए.
मुख्यालय से जारी आदेश में कहा गया है कि अभी तक अधिकांश जिला कृषि पदाधिकारियों ने किराये का निर्धारण अनुमंडल पदाधिकारी से नहीं कराया है, जोक कराना जरूरी है.
पंचायत कृषि कार्यालय के लिए 1000 रुपए प्रतिमाह किराया तय
पंचायत कृषि कार्यालय के किराया हेतु प्रतिमाह 1000 (एक हजार) रुपए का प्रावधान योजना में किया गया है. वित्तीय वर्ष 2021-22 में किराया मद में 402.24 लाख (चार करोड़ दो लाख चौबीस हजार) रुपए की स्वीकृति दी गई है. जिन पंचायतों में सरकारी भवन उपलब्ध नहीं हैं, वहां किराए के भवन में पंचायत कृषि कार्यालय संचालित हैं.
आदेश में कहा गया है कि वित्तीय वर्ष के दौरान सरकारी भवन की उपलब्धता होने पर किराये के भवन में संचालित पंचायत कृषि कार्यालय को सरकारी भवन में शिफ्ट किया जाए. जहां तक संभव हो, पंचायत कृषि कार्यालय का संचालन सरकारी भवन में ही किया जाए.
मंत्रालय ने कहा है कि किराए का भुगतान मकान मालिक के बैंक खाते में किया जाए. साथ ही यह निर्देश दिया गया है कि मकान मालिक से एग्रीमेंट के बाद किराया निर्धारण कराते हुए दो सप्ताह के अंदर किराया भुगतान करना सुनिश्चित किया जाए. सरकार के इस आदेश से तकरीबन 3000 से अधिक माकान मालिकों को तुरंत राहत मिल जाएगी.


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