बच्चों के जंक फूड के विज्ञापनों पर बाल विकास मंत्रालय ने रोक लगाने के दिए निर्देश
बच्चों में जंक फूड से होने वाले दुष्प्रभावों को देखते हुए बच्चों के कार्यक्रमों के दौरान प्रसारित किए जाने वाले जंक फूड के विज्ञापनों पर रोक लगाने की कोशिश की जा रही है।
बच्चों में जंक फूड से होने वाले दुष्प्रभावों को देखते हुए बच्चों के कार्यक्रमों के दौरान प्रसारित किए जाने वाले जंक फूड के विज्ञापनों पर रोक लगाने की कोशिश की जा रही है। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय बच्चों को लक्ष्य बनाकर बच्चों के कार्यक्रमों के दौरान प्रसारित किए जाने वाले जंक फूड के विज्ञापनों पर रोक लगाने के प्रस्ताव पर विचार कर रहा है। बता दें कि कुछ दिनों पहले इस तरह के 'भ्रामक विज्ञापनों' को लेकर मसौदा दिशा-निर्देशों पर चर्चा के दौरान एक बैठक हुई थी, जिसमें इस तरह के सुझाव महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने दिए थे।
जंक फूड के विज्ञापनों पर रोक लगाने के मिले कई सुझाव
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि 'बच्चों को लक्ष्य बनाकर प्रसारित किए जाने वाले जंक फूड के विज्ञापनों पर रोक लगाने के कई सुझाव मिले हैं। हम इन पर विचार कर रहे हैं।' अधिकारी ने कहा कि महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने बच्चों के कार्यक्रमों के दौरान जंक फूड के विज्ञापनों को रोकने, विज्ञापनों में स्वास्थ्य संबंधी चेतावनी देने और इस तरह के खाने से सेहत पर किस तरह का प्रभाव पड़ता है, यह बताने के निर्देश दिए हैं।
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने विज्ञापनों पर रोक लगाने के साथ ही राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के आंकड़ों का भी हवाला दिया है जो देश में बच्चों के बढ़ते मोटापे को दिखाता है। इसके अलावा उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के अधिकारी ने कहा कि खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) पैक खाद्य पदार्थो पर पोषण संबंधी जानकारी प्रदर्शित करने को लेकर नियम लेकर आया है।
जंक फूड पर ज्यादा कर लगाने पर विचार
इसके अलावा सरकार के थिंक टैंक नीति आयोग ने अपनी 2021-22 की वार्षिक रिपोर्ट में कहा है कि भारत बढ़ते मोटापे से निपटने के लिए ऐसे खाद्य पदार्थो पर ज्यादा कर लगाने का विचार कर रहा है, जिसमें अधिक मात्रा में चीनी, वसा और नमक होता है।