डेथ पेनल्टी इन इंडिया रिपोर्ट में सामने आया आंकड़ा, 17 साल में पहली बार हुआ ये...

Update: 2022-01-31 05:46 GMT

नई दिल्ली:देश में मौत की सजा पाए कैदियों की तादाद में बड़ा उछाल देखने को मिला है. भारत में मौत की सजा पाए कैदियों की संख्या पिछले 17 सालों में सबसे ज्यादा हो गई है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, फिलहाल 488 कैदी ऐसे हैं जिनको मौत की सजा सुनाई जा चुकी है. हालांकि, उसपर अमल होना अभी बाकी है.

यह बात डेथ पेनल्टी इन इंडिया रिपोर्ट (Death Penalty in India Report) में सामने आई है. इस सालाना रिपोर्ट को Project 39A ने जारी किया है. Project 39A दिल्ली में मौजूद नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी का हिस्सा है. यह यूनिवर्सिटी का वह ग्रुप है जो आपराधिक कानून सुधार की बात करता है.
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) में मौजूद भारत के जेल सांख्यिकी डेटा (Prison Statistics of India) से तुलना करें तो पता चलता है कि 488 का यह आंकड़ा 2004 के बाद सबसे ज्यादा है. तब यह आंकड़ा 563 तक पहुंच गया था.
रिपोर्ट के मुताबिक, 488 कैदी ऐसे हैं जो देश की विभिन्न जेलों में बंद हैं और उनको मौत की सजा सुनाई जा चुकी है. इसमें से 86 सिर्फ उत्तर प्रदेश में हैं. मौत की सजा पाने वाले कुछ दोषी तो आगे की कार्यवाही का इंतजार कर रहे हैं, वहीं कुछ ने बचाव के लिए याचिकाएं दायर की हुई हैं.
रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2021 में देश के विभिन्न सेशन कोर्ट्स ने 144 दोषियों को मौत की सजा सुनाई. वहीं विभिन्न हाईकोर्ट्स ने 6 मामलों में मौत की सजा सुनाई. इसके अलावा 29 दोषी ऐसे थे जिनकी मौत की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया गया था. इन दोषियों को ट्रायल कोर्ट ने मौत की सजा सुनाई थी, फिर दोषियों ने हाईकोर्ट में अपील की, जिसके बाद सजा में बदलाव हुआ. वहीं पिछले साल सुप्रीम कोर्ट ने किसी को भी मौत की सजा नहीं सुनाई है.
मौत की सजा मिलने वाले 62 मामले हत्या से जुड़े हैं. वहीं 44 यौन उत्पीड़न और हत्या के हैं. इसके अलावा 4 मामले आतंकवाद से जुड़े भी हैं.
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