मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार पर लगाया गंभीर आरोप

जानिए क्या है पूरा मामला

Update: 2023-06-16 13:09 GMT
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के स्टॉक से राज्य सरकारों को गेहूं और चावल की बिक्री बंद कर दी है. केंद्र के इस कदम से कर्नाटक चुनाव से पहले कांग्रेस की ओर से जनता को दी गई दूसरी गारंटी, सभी बीपीएल परिवारों को प्रति व्यक्ति प्रति माह 10 किलो खाद्यान्न प्रदान करने वाली अन्न भाग्य योजना को लागू करने में झटका लगा है. कर्नाटक की कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने केंद्र की भाजपा सरकार पर कर्नाटक को गरीबों को अनाज की आपूर्ति करने से रोकने के लिए ‘राजनीतिक निर्णय’ लेने का आरोप लगाया है. कर्नाटक सरकार ने अपने महत्वाकांक्षी अन्न भाग्य योजना के लिए 3,400 रुपये प्रति क्विंटल पर 2.28 लाख मीट्रिक टन चावल खरीदने के लिए सोमवार (12 जून) को एफसीआई के साथ समझौता किया था.
कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणा-पत्र में इस योजना को शुरू करने का वादा किया था. यह उसके द्वारा किए गए पांच गारंटी के वादों में एक थी, जिसके तहत सभी बीपीएल और अंत्योदय कार्ड धारक 10 किलो मुफ्त चावल के पात्र होंगे. योजना एक जुलाई से शुरू होनी है. कर्नाटक सरकार के एफसीआई के साथ अपने समझौते पर पहुंचने के एक दिन बाद मंगलवार (13 जून) को केंद्र सरकार ने एफसीआई को खुले बाजार में 15 लाख मीट्रिक टन चावल और गेहूं जारी करने और उत्तर-पूर्व को छोड़कर अन्य राज्यों को सीधे बिक्री बंद करने के लिए कहा है. एफसीआई से 36.6 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से चावल प्राप्त करने की उम्मीद पर, अन्न भाग्य योजना के लिए कर्नाटक में कांग्रेस सरकार द्वारा निर्धारित मासिक व्यय 840 करोड़ रुपये है.
सिद्धारमैया ने कहा कि कर्नाटक ने छत्तीसगढ़, तेलंगाना जैसे चावल की खेती करने वाले राज्यों के साथ-साथ उन एजेंसियों से भी संपर्क किया था, जो 1 जुलाई से योजना को शुरू करने के लिए चावल उपलब्ध करा सकती हैं. उन्होंने कहा, ‘हम इस साजिश के बावजूद अनाज उपलब्ध कराने की कोशिश करेंगे. (इसमें किसी भी देरी के लिए) भारत सरकार जिम्मेदार होगी.’ उन्होंने कहा, ‘मैंने एफसीआई के उप-महाप्रबंधक से बात की, जो 34 रुपये प्रति किलो और परिवहन शुल्क प्रति किलो 2.60 रुपये की दर से अनाज उपलब्ध कराने पर सहमत हुए थे. इससे सहमत होने के बाद उन्होंने 12 जून को हमें दो पत्र लिखे थे.’ उन्होंने कहा कि इनमें ओएमएसएस (डी) के तहत जुलाई के लिए 2.08 लाख मीट्रिक टन चावल बेचने का वादा और 13,819.485 टन अतिरिक्त चावल शामिल है. सिद्धारमैया ने कहा, ‘एक दिन बाद 13 जून को एक राजनीतिक फैसला लिया गया (एफसीआई से राज्यों को अनाज की बिक्री पर रोक), केंद्र सरकार (योजना) को विफल करने की कोशिश कर रही है.’ राज्यों को अनाज न बेचने के संबंध में केंद्र सरकार द्वारा एफसीआई को लिखे पत्र का साझा करते हुए सिद्धारमैया ने एक ट्वीट में कहा, ‘नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भारत सरकार ने अन्न भाग्य योजना के कार्यान्वयन में मुश्किलें पैदा करने के लिए खुले बाजार में बिक्री योजना के तहत राज्य को चावल की बिक्री रोकने के लिए एफसीआई को पत्र लिखा है.’
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