एयर एशिया और इंडिगो विमान के बीच होने वाला था हादसा, सिर्फ 300 फीट की रह गई थी दूरी, AAIB की रिपोर्ट में मिली जानकारी

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Update: 2021-08-25 01:58 GMT

विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) की एक रिपोर्ट में बड़ी जानकारी सामने आई है. इसके मुताबिक 29 जनवरी को एक बड़ा हादसा होते होते रह गया. जानकारी मिली है कि 29 जनवरी को एयर एशिया इंडिया की अहमदाबाद-चेन्नई फ्लाइट और इंडिगो की बेंगलुरु-वडोदरा फ्लाइट, एक दूसरे से टकराने से बाल-बाल बचे. रिपोर्ट में कहा गया है कि दोनों विमान आठ किलोमीटर के दायरे में आ गए थे. मुंबई हवाई क्षेत्र के ऊपर उनकी वर्टिकल दूरी मात्र 300 फुट रह गई थी.

पिछले महीने जारी किए गए जांच रिपोर्ट के अनुसार, इस 'गंभीर चूक' का संभावित कारण एयर ट्रैफिक कंट्रोलर का मौजूदा स्थिति की जानकारी नहीं होना था. रिपोर्ट में एक अन्य संभावित कारण का जिक्र करते हुए बताया गया है कि मुंबई हवाई अड्डे पर नियंत्रक द्वारा स्थिति का मूल्यांकन पहले से मन में कोई विचार बनाकर किया गया था.
रिपोर्ट में कहा गया है कि जब दोनों विमानों के बीच पर्याप्त दूरी बनी हुई थी, हवाई यातायात नियंत्रक की स्वचालित प्रणाली ने पूर्वानुमानित चेतावनी जारी की. हालांकि, नियंत्रक ने विजुअल अनुमानित चेतावनी पर गौर नहीं किया. इसमें कहा गया है कि नियंत्रक अपने पिछले अनुभव के कारण यह मान रहा था कि एयर एशिया इंडिया की उड़ान भावनगर के ऊपर अपने सामान्य मार्ग पर है. इसलिए नियंत्रक ने सोचा कि एयर एशिया इंडिया की उड़ान इंडिगो की उड़ान के बहुत करीब नहीं है.
जब तक नियंत्रक को स्थिति का अहसास हुआ, तब तक एयर एशिया इंडिया की उड़ान 38,008 फुट की ऊंचाई तक पहुंच गई थी, जबकि इंडिगो की उड़ान 38,000 फुट की ऊंचाई पर उड़ रही थी. एयर एशिया इंडिया की उड़ान और ऊंची होती गई, क्योंकि उसकी ट्रैफिक टकराव बचाव प्रणाली (टीसीएएस) ने पायलटों को चेतावनी जारी की थी. वहीं, इंडिगो की उड़ान 38,000 फुट की ऊंचाई पर ही बनी रही.
रिपोर्ट में घटना का जिक्र करते हुए कहा गया है कि अहमदाबाद से दक्षिण भारत जाने वाली ज्यादातर उड़ानें भावनगर के ऊपर से जाती हैं. हालांकि, 29 जनवरी को, एयर एशिया इंडिया की उड़ान उस मार्ग पर थी जिसका उपयोग आमतौर से मुंबई हवाई अड्डे पर उतरने वाले विमानों द्वारा किया जाता है. एयर एशिया इंडिया के विमान द्वारा मार्ग में बदलाव किए जाने और विपरीत दिशा से आने वाली इंडिगो उड़ान के सीधे मार्ग पर होने के कारण यह स्थिति बनी. 
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