बेंगलुरू: कर्नाटक में हिजाब विवाद के बाद शिक्षा से जुड़ा एक और मामला तूल पकड़ रहा है. शिक्षामंत्री बीसी नागेश ने जानकारी दी है कि राज्य के स्कूलों में इतिहास के कुछ चैप्टर्स के सिलेबस में संशोधन किया जाएगा. इसमें 18वीं सदी के शासक टीपू सुल्तान से जुड़े चैप्टर्स में बदलाव किया जाना है. हालांकि, कांग्रेस ने इसपर भी शिक्षा के भगवाकरण का आरोप लगाते हुए कहा कि किताबों में इतिहास बदलने की कोशिश की जा रही है.
शिक्षामंत्री बीसी नागेश ने कहा, "पहले टीपू सुल्तान के बारे में कई झूठे परिदृश्य बनाए गए थे. टीपू सुल्तान के बारे में सही इतिहास बच्चों की पढ़ाई में ही शामिल हो जिससे उन्हें शुरुआत से ही सही जानकारी मिले. अब हमने ऐसे कई पहलुओं को और अधिक व्यापक और बेहतर तरीके से शामिल किया है, जिससे यह और अधिक अर्थपूर्ण होगा."
कर्नाटक सरकार द्वारा तैयार की गई कमेटी की रिपोर्ट ने टीपू सुल्तान पर "गौरवशाली सामग्री" को कम करने की सिफारिश की है. रोहित चक्रतीर्थ की अध्यक्षता वाली इस कमेटी ने कुछ सप्ताह पहले अपनी रिपोर्ट सौंपी है. इसके बाद राज्य सरकार ने टेक्स्टबुक्स में बदलाव करने का निर्देश भी जारी कर दिया है. कमेटी ने सुझाव दिया है कि टीपू सुल्तान पर चैप्टर्स बने रहने चाहिए, मगर महिमामंडन करने वाला कंटेंट कम होना चाहिए.
कांग्रेस के विधायक प्रियांक खड़गे ने कहा, "समस्या यह है ICSE और CBSE का सिलेबस, खासतौर पर इतिहास, BJP के नेरेटिव में सेट नहीं बैठता. वे कभी किसी ऐतिहासिक संघर्ष या आजादी की लड़ाई का हिस्सा नहीं रहे. वह अब किताबों में अपने विचार भरना चाहते हैं ताकि इतिहास में उन्हें भी कुछ जगह मिल सके. उन्होंने आगे कहा, "मैं भाजपा से पूछता हूं कि सावरकर को वीर की उपाधि किसने दी? सभी जानते हैं कि नेताजी और बापू की उपाधि किसने दी है मगर सावरकर के बारे में ऐसी कोई जानकारी नहीं है."
कांग्रेस विधायक अजय सिंह ने कहा, "मुझे समझ नहीं आता सरकार क्या करना चाहती है. जहां सांप्रदायिक सद्भाव होता है वहां यह छेड़छाड़ करते हैं. पहले हिजाब को लेकर विवाद उठा और अब सरकार ने गांव के स्तर पर अपना आधार खो दिया है. वह विभाजन की राजनीति कर रहे हैं इसलिए अल्पसंख्यकों को टारगेट कर रहे हैं. इन्हें विकास परक राजनीति करनी चाहिए न कि फूट डालो और राज करो की."