प्रॉपर्टी खरीददारों के लिए 'सुप्रीम' खबर, SC ने बेहद अहम बात कही

अदालत ने कहा कि पूरे देश में ही प्रॉपर्टी के खरीददार धोखाधड़ी के शिकार हो रहे हैं।

Update: 2024-07-08 09:21 GMT

सांकेतिक तस्वीर

नई दिल्ली: देश भर में बिल्डर और प्रॉपर्टी खरीददारों के बीच डील को लेकर एक जैसा नियम बनना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को यह बात कही। अदालत ने कहा कि पूरे देश में ही प्रॉपर्टी के खरीददार धोखाधड़ी के शिकार हो रहे हैं। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली बेंच ने कहा, 'बायर्स पर बिल्डर क्या-क्या चीजें थोप सकते हैं। इसे लेकर एक देशव्यापी नियम होना ही चाहिए। अन्यथा पूरे देश में खरीददारों के साथ बिल्डर धोखा करते रहेंगे।' एडवोकेट अश्विनी उपाध्याय की ओर से 2020 में दाखिल पीआईएल पर सुनवाई करते हुए बेंच ने ये बातें कहीं। बेंच में चीफ जस्टिस के अलावा जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा भी शामिल थे।
इस केस की सुनवाई के दौरान वकील देवाशीष भारुका ने बताया कि इस मामले में स्टेटस रिपोर्ट सौंपी जा चुकी है। इसके अलावा बिल्डर और बायर्स के बीच अग्रीमेंट की ड्राफ्ट कॉपी भी दी गई है। इसमें राज्य सरकारों की ओर से मिले सुझावों को भी शामिल किया गया है। इसके साथ ही अदालत ने अगली सुनवाई 19 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दी है। अदालत ने कहा कि इस मामले में क्रेडाई यानी कनफेडरेशन ऑफ रियल एस्टेट डिवेलपर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया की ओर से दी गई आपत्तियों पर भी विचार करना चाहिए।
अदालत ने इससे पहले जनवरी 2022 में कहा था कि एक 'नेशनल मॉडल बिल्डर-बायर अग्रीमेंट' होना चाहिए। इससे घर के खरीददारों को परेशान नहीं होना होगा। कई बार रियल एस्टेट डिवेलपर्स गैर-जरूरी शर्तें भी लाद देते हैं। अदालत का कहना था कि मिडिल क्लास के घर खरीददारों को इसके चलते परेशानी होती है। बेंच ने केंद्र सरकार से कहा था कि एक स्टैंडर्ड फॉर्म तैयार होना चाहिए, जो हाउसिंग एग्रीमेंट के दौरान भरा जाए।
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