गर्मी वाली सर्दी-खांसी: कही आप कोरोना से तो संक्रमित नहीं है, एक्सपर्ट ने दी चेतावनी

Update: 2022-05-11 09:46 GMT

दिल्ली। कोविड संकट के बीच कोरोना टेस्टिंग घटने से एक्सपर्ट्स की चिताएं बढ़ गई हैं. माना जा रहा है कि दुनियाभर में कोरोना टेस्ट 70 से 90 फीसदी तक कम हो गए हैं. एक्सपर्ट मानते हैं कि इससे कोरोना 'साइलेंट किलर' भी बन सकता है. दुनियाभर में कोविड केस घटने के साथ-साथ टेस्टिंग में ढील भी सामने आई है. यह साइंटिस्ट्स के लिए दिक्कत पैदा कर रहा है. दरअसल, अगर टेस्टिंग कम होगी तो वैज्ञानिक यह ट्रैक नहीं कर पाएंगे कि महामारी का ताजा रुख क्या है. साथ ही इसके नए हॉटस्पॉट, नए वैरिएंट और म्यूटेंट की जानकारी भी नहीं जुटाई जा सकेगी.

एक्सपर्ट का मानना है कि इस साल की पहली तिमाही के मुकाबले दूसरी तिमाही में कोरोना टेस्टिंग 70 से 90 फीसदी तक कम हो गए हैं. एक्सपर्ट मानते हैं कि अमेरिका और दक्षिण अफ्रीका में ओमिक्रोन वैरिएंट आने के बाद टेस्टिंग बढ़नी चाहिए थी, लेकिन हुआ इसका उल्टा.

न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, डॉक्टर कृष्णा उदय कुमार कहते हैं कि हमें जितनी टेस्टिंग करनी चाहिए थी हम उसके आसपास भी नहीं हैं. बता दें कि कृष्णा उदय कुमार ड्यूक यूनिवर्सिटी में ग्लोबल हेल्थ इनोवेशन सेंटर के डायरेक्टर हैं. वहीं यूनवर्सिटी ऑफ वॉशिंगटन की रिपोर्ट कहती है कि अमेरिका में आ रहे कुल कोरोना केसों के 13 फीसदी ही दर्ज हो पा रहे हैं. एक्सपर्ट मानते हैं कि कई कम आय वाले देशों में लोगों ने कोरोना टेस्ट कराना इसलिए भी बंद कर दिया क्योंकि वहां कोविड के इलाज की दवाओं की कमी है. घर पर हो रहे टेस्ट भी एक्सपर्ट के निशाने पर हैं क्योंकि ट्रैकिंग सिस्टम में उनका कोई रिकॉर्ड नहीं है. एक्सपर्ट मानते हैं कि इससे उन लोगों की हालत दृष्टिहीन व्यक्ति जैसी हो गई है और उनको पता नहीं चल पा रहा कि वायरस के साथ क्या नया हो रहा है. गर्मी में सर्दी-खांसी से ग्रसित लोगों को भी चेतावनी दी है. 

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