BPSC टॉपर गौरव सिंह की सफलता की कहानी, पिता के गुजर जाने पर नानी से मिला बहुत स्पोर्ट

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Update: 2021-10-07 12:34 GMT

पटना। बीपीएससी (BPSC) की 65वीं प्रतियोगिता परीक्षा का अंतिम परिणाम गुरुवार को जारी कर दिया गया. 65वीं बीपीएसी (Bihar Public Service Commission) में रोहतास जिले के गौरव सिंह ने टॉप किया है. गौरव सिंह (Gaurav Singh) ने बताया कि उन्हें उम्मीद थी कि उनका रिजल्ट अच्छा आयेगा लेकिन टॉप करने के बारे में नहीं सोचा था. गौरव ने कहा कि यह उनका तीसरा प्रयास था, इससे पहले भी वह बीपीएसी के लिए सेलेक्ट हुये थे लेकिन इस बार बेहतर रैंक के लिए फिर से परीक्षा दी है. गौरव कुमार ने कहा कि फिलहाल वो पुणे में हैं. उन्होंने जब अपनी मां को रिजल्ट की जानकारी दी तो वह काफी खुश थीं. गौरव ने मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है. उन्हें इससे पहले भी बीपीएसी में सफलता मिल चुकी है. गौरव ने बताया कि भविष्य में वो बिहार के लिए निश्चित तौर पर कुछ बड़ा करेंगे, लेकिन उससे पहले जहां भी उनकी पोस्टिंग होगी वहां के लोगों को वह छोटी-छोटी व्यवस्थाओं में सुधार कर एक बेहतर अनुभव देना चाहेंगे. गौरव ने कहा कि उदाहरण के तौर पर ब्लॉक में ही देख लीजिये वहां जाने वाले अधिकांश लोगों को पता नहीं होता है कि कहां कौन सा काम होगा, मैं छोटी-छोटी व्यवस्था को बेहतर कर लोगों को राहत पहुंचाने का प्रयास करूंगा.

अपने रिजल्ट को लेकर गौरव ने बताया कि उनके लिए यह सफलता इतनी आसान नहीं रही है. उन्होंने इस सफलता के लिए काफी संघर्ष किया है. खासकर उनकी मां ने काफी दिक्कतों के बावजूद आज उनको इस मुकाम तक पहुंचाने में काफी सहायता की है. गौरव ने बताया कि उनके पिता नहीं हैं, ऐसे में उन्हें उनकी मां से बहुत स्पोर्ट मिला है.

परिवार और दोस्तों ने की आर्थिक मदद

गौरव ने बताया कि उनके परिवार के अलावा, उनके दोस्त और सीनियर ने उनकी काफी मदद की है. जब भी उन्हें कभी आर्थिक दिक्कत होती थी उनके दोस्त उनकी सहायता के लिए सामने होते थे. उनकी कोचिंग की फीस उनके दोस्त ने भरी थी. गौरव ने कहा कि जब उन्हें इंटरव्यू देने जाना था तो उनके लिए शूट सेट उनके भइया ने खरीदी थी. इसी तरह उनके परिवार और दोस्तों ने उनको हमेशा रिजल्ट पर फोकस रखने के लिए प्रेरित किया.

2019 में बहुत निराश हो गए थे गौरव

गौरव ने न्यूज18 संवाददाता उत्कर्ष कुमार के साथ खास बातचीत में बताया कि 2019 में जब उन्होंने यूपीएससी परीक्षा दी तो उन्हें बहुत उम्मीद थी कि उन्हें इसमें सफलता मिलेगी. लेकिन, उनका रिजल्ट अच्छा नहीं हुआ. जबकि इसके लिए गौरव ने काफी तैयारी की थी. गौरव ने कहा कि वैसे तो वह 2018 से प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं लेकिन 2019 में उन्होंने सबसे ज्यादा मेहनत की थी. इसलिए उन्हें जब सफलता नहीं मिली तो वह काफी निराश हुये थे. लेकिन, उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और अपनी तैयारी जारी राखी और आज उसका परिणाम सबके सामने है. गौरव बताते हैं कि उन्होंने बीटेक के बाद जॉब छोड़कर कमीशन कि तैयारी शुरू की थी.

नानी घर से मिला बहुत स्पोर्ट

गौरव ने बताया कि वैसे तो उनका गांव यूपी में हैं. लेकिन, उनके पिता के गुजरने के बाद वह बिहार के रोहतास में अपने नानी घर आकर रहने लगे. यहां उन्हें उनके मामा और परिवार के दूसरे सदस्यों ने काफी सहयोग किया. वह अपनी सफलता का क्रेडिट मां के साथ-साथ परिवार के दूसरे लोगों, दोस्तों, गुरु और सीनियर को देना चाहेंगे.

बांका की रहने वाली चंदा ने भी जीता दिल

बिहार के बांका जिले की रहने वाली चंदा भारती ने भी अपने रिजल्ट से लोगों का दिल जीता है. विनोबाभावे यूनिवर्सिटी से सिविल इंजीनियरिंग में बीटेक कर चुकी चंदा ने बताया कि उन्हें अपने रिजल्ट की जानकारी उनके भाई ने फोन कर दी है. आज का की दिन सच में बहुत खास है. इतनी बड़ी परीक्षा में कोई निश्चित नहीं बता सकता है कि उसे सफलता मिलेगी. हालांकि, मुझे उम्मीद थी मुझे इस बार अच्छा रिजल्ट मिलेगा. लेकिन, टॉपर बनने की उम्मीद कम थी. इसलिए आज मैं और मेरा पूरा परिवार बहुत खुश है.

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