State के पंडोह-लारजी डैम की होगी पड़ताल

Update: 2024-07-07 10:06 GMT
Shimla. शिमला। प्रदेश के प्रमुख पंडोह और लारजी डैम की पड़ताल के लिए सरकार ने विशेष तकनीकी टीम भेजी है। यह टीम सोमवार को डैम साइट पर जाकर सभी तरह की जांच करेगी। बरसात में इन दोनों बांधों से हिमाचल में काफी ज्यादा नुकसान होता है। हर साल यहां से नुकसान की सूचना मिलती है, लिहाजा इस बार सरकार पहले से सतर्क है और सरकार का आपदा प्रबंधन विंग मुस्तैदी बरत रहा है। हालांकि इस बार शुरुआत में बरसात उस तरह से नहीं लग रही है, जैसे पिछले साल थी, मगर फिर भी भारी बारिश के कारण बांधों से बड़ा नुकसान यहां पर होता आया है। सूत्रों के अनुसार डैम से होने वाले नुकसान को पूरी तरह से रोकने के लिए सरकार गंभीर है और गत शुक्रवार को ही मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक की है। इस बैठक के बाद तकनीकी टीम को लारजी व पंडोह डैम में पड़ताल को कहा गया है। यह टीम रविवार को वहां जाएगी और सोमवार को इन बांधों की रैकी करेगी। बताया जाता है कि यह टीम दौरे के बाद अपनी रिपोर्ट मुख्य सचिव को देंगे और मुख्य सचिव के साथ वहां के मौजूदा विषयों को लेकर चर्चा की जाएगी। वहां पर अर्ली वार्निंग सिस्टम को लेकर परख की जाएगी और देखा जाएगा कि अर्ली वॉनिंग सिस्टम कितना प्रभावशाली है। इसके साथ डैम में पानी के फ्लो पर किस तरह से नजर रखी जा रही है और कैसे सूचनाओं का आदान-प्रदान किया जा रहा है, इसे देखा जाएगा। सुरक्षा के लिहाज से सरकार ने कुछ मापदंड तय किए हैं और संबंधित बांधों में सुरक्षा उपायों पर कितनी गंभीरता दिखाई जा रही है, इसे देखा जाएगा। बरसात से पहले ही तकनीकी टीमें प्रदेश के कुछ
दूसरे बांधों का भी दौरा करेंगी।
जहां पर सरकार के दिशा-निर्देशों की कितनी अनुपालना की जा रही है, इसे देखा जाएगा। जहां कहीं पर कमियां होंगी, उनको देखा जाएगा और सरकार को इसकी रिपोर्ट दी जाएगी। यह इसलिए जरूरी है, ताकि समय पर वहां काम हो सकें और बाद में कोई नुकसान न हो। नुकसान से बचने के लिए सरकार इस बार पहले से मुस्तैदी से काम कर रही है। मुख्य सचिव ने गंभीरता से इस पर कदम उठाने को कहा है। बता दें कि पिछली बार भी लारजी और पंडोह में नुकसान हुआ था। पंडोह डैम का नुकसान मंडी शहर तक पहुंचता है और पिछली बार ब्यास नदी का पानी छोड़े जाने के बाद मंडी शहर में काफी ज्यादा नुकसान हुआ था। वहीं लारजी बांध में परियोजना को काफी ज्यादा नुकसान पहुंचा है। बताया जाता है कि लारजी व पंडोह के बाद तकनीकी टीम पौंग डैम एरिया का भी दौरा करेगी। वहां पर भी पिछली बरसात में बड़ा नुकसान हुआ था और बिना पूर्व सूचना के पानी छोड़ दिया गया था। इससे कई गांव जलमग्र हो गए थे। ऐसा भविष्य में न हो इसके लिए सभी बांधों से पानी के फ्लो को लेकर पूरी सूचना स्टेट डाटा सेंटर में पहुंचती है। वहीं तकनीकी टीम में बिजली क्षेत्र के अधिकारी शामिल हैं। ऊर्जा निदेशालय के अधिकारी इसका नेतृत्व कर रहे हैं। इसमें पावर कारपोरेशन, बिजली बोर्ड व आपदा प्रबंधन से जुड़े अधिकारी भी शामिल हैं। राज्य में कुल 24 बांध हैं। इनमें लारजी, जतौन, पौंग डैम, पंडोह, भाखड़ा, बैरा, चमेरा-दो, चमेरा-तीन, चमेरा-एक, पार्वती-तीन, बजोली होली, कोल डैम, नाथपा, सैंज बैराज, सावड़ा कुड्डू, कड़छम, कुप्पा बैराज, मलाणा-दो, मलाणा-एक, अलायन बैराज, बुद्धिल, चांजू-एक, न्यूगल और भावा में बांध हैं। इनमें से कुछ बड़े बांधों से हर बरसात में नुकसान की संभावना रहती है।
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