वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन की मुख्य वैज्ञानिक सौम्या स्वामीनाथन ने कोरोना फैलने के कारणों पर की चर्चा

वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन की मुख्य वैज्ञानिक सौम्या स्वामीनाथन ने कोरोना फैलने के कारणों पर चर्चा की. उन्होंने कहा है कि इस बात के स्पष्ट प्रमाण हैं कि डेल्टा वेरिएंट के प्रसार और टीकाकरण की धीमी गति के कारण दुनिया के अधिकतर क्षेत्रों में कोविड -19 मामलों में वृद्धि हो रही है

Update: 2021-07-10 06:14 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) की मुख्य वैज्ञानिक सौम्या स्वामीनाथन ने कोरोना फैलने के कारणों पर चर्चा की. उन्होंने कहा है कि इस बात के स्पष्ट प्रमाण हैं कि डेल्टा वेरिएंट (Delta Variant) के प्रसार और टीकाकरण (Vaccination) की धीमी गति के कारण दुनिया के अधिकतर क्षेत्रों में कोविड -19 (Covid-19) मामलों में वृद्धि हो रही है.ब्लूमबर्ग के साथ हाल ही में हुए एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा, डब्ल्यूएचओ (WHO) के छह क्षेत्रों में से पांच में कोविड -19 (Covid-19) मामले बढ़ रहे हैं, और अफ्रीका में मृत्यु दर पिछले दो हफ्तों में 30-40 प्रतिशत तक बढ़ गई है.

स्वामीनाथन ने कहा, "पिछले 24 घंटों में, 500,000 के करीब नए मामले सामने आए हैं और लगभग 9,300 मौतें हुई हैं. इसी बीच उन्होंने वायरस फैलने के चार प्रमुख कारणों के बारे में बताया. पहला कारण- डेल्टा वेरिएंट, दूसरा सोशल मिक्सिंग, तीसरा लॉकडाउन प्रतिबंधों में छूट, चौथा टीकाकरण की धीमी रफ्तार को बताया. स्वामीनाथन ने कहा कि तेजी से फैलने वाला डेल्टा वेरिएंट निश्चित रूप से अब तक देखे गए कोविड -19 का सबसे खतरनाक रूप है और संक्रमणों में वृद्धि के पीछे मुख्य कारण है. उन्होंने आगे कहा अगर मूल वायरस से संक्रमित एक व्यक्ति तीन लोगों को संक्रमित कर सकता है, तो डेल्टा संस्करण से संक्रमित व्यक्ति करीब 8 लोगों को संक्रमित कर सकता है.
अस्पताल के बिस्तरों की कमी पर चर्चा
सोशल मिक्सिंग पर जोर देते हुए उन्होंने कहा, लोग अपने घरों से बाहर निकल रहे हैं और सामाजिक मेलजोल में लिप्त हो रही है, जिससे मामलों में वृद्धि हो रही है. इसके अलावा, दुनिया के कई देशों ने प्रतिबंधों में ढील दी है, यहां तक ​​​​कि मास्किंग और सोशल डिस्टेंसिग जैसे सुरक्षा उपायों में भी छूट की घोषणा की है.
स्वामीनाथन ने कहा कि जहां कुछ देशों में टीकाकरण का स्तर गंभीर कोविड -19 मामलों और अस्पताल में भर्ती होने को कम कर रहा है, वहीं दुनिया के कुछ हिस्से अभी भी ऑक्सीजन की कमी, अस्पताल के बिस्तरों की कमी और उच्च मृत्यु दर का सामना कर रहे हैं.
'मुझे लगता है कि कोरोना के तीसरे चरण पर परीक्षण डेटा (कोवैक्सिन का) अच्छा और उत्साहजनक है. अच्छी बात यह है कि उन्होंने वेरिएंट पर भी ध्यान दिया है और ट्रायल में देखे गए सफल वेरिएंट के लगभग 60 प्रतिशत का पता लगाया है. प्रभावकारिता उच्च है जबकि डेल्टा के खिलाफ प्रभावकारिता तुलनात्मक रूप से कम है, लेकिन यह अभी भी बहुत अच्छा है.'


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