पुल पर हुई ब्लास्ट की घटना का एसओजी ने किया खुलासा, मुआवजा नहीं मिला तो ट्रैक पर लगा दिया था शख्स ने बम

SOG disclosed the incident of blast on the bridge, the person had planted the bomb on the track if compensation was not received | पुल पर हुई ब्लास्ट की घटना का एसओजी ने किया खुलासा, मुआवजा नहीं मिला तो ट्रैक पर लगा दिया था शख्स ने बम

Update: 2022-11-17 16:00 GMT
उदयपुर: राजस्थान के उदयपुर जिले के औड़ा पुल पर हुई ब्लास्ट की घटना का राजस्थान एसओजी ने खुलासा कर दिया है. इस घटना को तीन व्यक्तियों द्वारा अंजाम दिया गया था, जिनके नाम धूलचंद मीणा, प्रकाश मीणा और विष्णु हैं. जिन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है. एसओजी के एडीजी अशोक राठौड़ ने प्रेसवार्ता में कर बताया कि ओड़ा पुल पर हुए विस्फोट के मामले में एसओजी ने धूलचंद मीणा (32), प्रकाश मीणा (18) और एक 17 वर्षीय किशोर को हिरासत में लिया है.
उन्होंने कहा कि साल 1974-75 और 1980 में धूलचंद मीणा की जमीन का 1974-75 और 1980 में अधिग्रहण किया था, जिसके लिए उसको मुआवजा या नौकरी नहीं मिली.इसके लिए यह लगातार कई साल से प्रयासरत था, लेकिन कहीं से भी कोई मदद नहीं मिलने के कारण इसने गुस्से में इस घटना को अंजाम दिया.
मुआवजा ना मिलने के चलते मन में था रोष- ADG एसओजी
दरअसल, एडीजी ने बताया कि धूलचंद की जमीन का मुआवजा न मिलने के कारण उसके मन में रोष था. इसी कारण उसने इस घटना को अंजाम दिया है. उन्होंने कहा कि घटना के दिन प्रकाश द्वारा बाइक चलाई गई और विष्णु उनके साथ था. ट्रेन जाने के बाद उन्होंने दोनों ट्रैक पर बमनुमा बंडल को रखा और ऊपर ही रख कर आग लगायी. इन्होंने अंकुश सुवालका से ये विस्फोटक सामग्री खरीदी थी, जिसे भी डिटेन कर लिया गया है.
घटना स्थल के आसपास गांवों में दबिश
बता दें कि, इस घटना के बाद से ही मंगलवार को राजस्थान एटीएस एडीजी अशोक राठौड़ के नेतृत्व में जांच टीम छानबीन में जुटी है. जहां घटना के बाद से 3 लोगों को शक के आधार पर हिरासत में लिया गया था. वहीं, जांच एजेंसी 10- 12 किलोमीटर के पूरे एरिया को खंगाल रही है. इस इलाके में करीब 13 हज़ार फोन कॉल के डिटेल्स की जांच की जा रही है.
NSG की फॉरेंसिक टीम घटना स्थल पर पहुंचीं
इसके अलावा एनएसजी की फॉरेंसिक टीम को भी मौके पर भेजा गया है. जोकि ब्लास्ट के बाद बचे ट्रेसेस के जरिए पता लगाने में जुटी है कि ट्रैक पर इस्तेमाल किए गए बारूद को पहले कब और कहां-कहां इस्तेमाल किया गया था. इसके साथ ही एनआईए और उदयपुर पुलिस की टीम ने कुछ लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ भी शुरू की है.
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