Arunachal में पांच प्रोजेक्ट बनाएगा एसजेवीएन

Update: 2024-08-29 10:15 GMT
Shimla. शिमला। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पूर्वोत्तर क्षेत्र की राज्य सरकारों को राज्य निकायों एवं सीपीएसई के मध्य संयुक्त उद्यम सहयोग के माध्यम से पूर्वोत्तर क्षेत्र में जलविद्युत परियोजनाओं के विकासार्थ इक्विटी भागीदारी हेतु केंद्रीय वित्तीय सहायता प्रदान करने संबंधी विद्युत मंत्रालय के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है। एसजेवीएन ने अरुणाचल प्रदेश सरकार के साथ संयुक्त उद्यम मोड के माध्यम से राज्य में 5097 मेगावाट की पांच रन ऑफ. दि रिवर योजना की जलविद्युत परियोजनाओं के निष्पादन के लिए करार पर हस्ताक्षर किए हैं। ये परियोजनाएं 3097 मेगावाट की एटालिन, 680 मेगावाट की अटुनली, 500 मेगावाट की एमिनी, 420 मेगावाट की अमुलिन और 400 मेगावाट की मिहुम्मडन जलविद्युत परियोजनाएं हैं। इन पांच परियोजनाओं में से एटालिन और अटुनली जलविद्युत परियोजनाएं मंजूरी के अग्रिम चरणों में हैं। इन दोनों परियोजनाओं के निर्माण में लगभग 44,000 करोड़ रुपए का कुल
निवेश शामिल होगा।


इससे प्रतिवर्ष लगभग 15,787 मिलियन यूनिट विद्युत का उत्पादन होगा। केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा स्वीकृत इस योजना का परिव्यय 4136 करोड़ है, जिसे वित्तीय वर्ष 2024-25 से वित्तीय वर्ष 2031-32 तक व्यय किया जाएगा। इस योजना के तहत लगभग 15000 मेगावाट की संचयी जलविद्युत क्षमता का समर्थन किया जाएगा। इस योजना को विद्युत मंत्रालय के कुल परिव्यय से पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए दस फीसदी बजटीय सहायता के माध्यम से वित्त पोषित किया जाएगा। इस योजना में एक केंद्रीय पीएसयू की समस्त परियोजनाओं के लिए राज्य सरकार के साथ एक संयुक्त उद्यम कंपनी के गठन का प्रावधान है। पूर्वोत्तर क्षेत्र की राज्य सरकार के इक्विटी हिस्से के लिए अनुदान कुल परियोजना इक्विटी के 24 प्रतिशत तक सीमित होगा जो प्रत्येक परियोजना को अधिकतम 750 करोड़ होगा। यदि आवश्यक हुआ तो प्रत्येक परियोजना के लिए 750 करोड़ की सीमा पर मामला दर मामला आधार पर पुनर्विचार किया जाएगा। संयुक्त उद्यम में सीपीएसयू और सरकार की इक्विटी का अनुपात अनुदान के वितरण के समय बनाए रखा जाएगा।
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