दक्षिण भारत की मंडियों में Sirmaur के लहसुन ने तोड़े रिकार्ड

Update: 2024-09-02 10:02 GMT
Nahan. नाहन। जिला सिरमौर के सफेद सोना कहे जाने वाले लहसुन ने इस मर्तबा दक्षिण भारत की मंडियों में पिछले कई वर्षों के रिकार्ड थोक भाव के तोड़ दिए हैं। सिरमौर का लहसुन दक्षिण भारत की तमिलनाडू गार्लिक मंडी वडगापत्ती में ए ग्रेड 350 रुपए प्रतिकिलो थोक भाव तक पहुंचे हैं। दक्षिण भारत की आंध्र प्रदेश, तमिलनाडू व केरल के अलावा दिल्ली की आजादपुर मंडी में सिरमौर का लहसुन आढ़तियों के अनुसार ग्रेड के अनुसार 210 रुपए प्रतिकिलो से लेकर 350 रुपए प्रतिकिलो तक बिका है। अक्तूबर माह तक लहसुन का बाजार संचालित रहने की उम्मीद है। पहली सिंतबर तक की बात करें तो सिरमौर का औषधीय गुणों से भरपूर लहसुन के थोक दाम दक्षिण भारत की मंडियों में आढ़ती अनिल राणा के अनुसार 350 रुपए प्रतिकिलो के
भाव को पार कर गए हैं।


सिरमौर के लहसुन के प्रमुख आढ़ती अनिल राणा व राजेश ठाकुर इत्यादि ने बताया कि जिला सिरमौर के सैणधार क्षेत्र में इस वर्ष लहसुन की फसल उत्पादन गत वर्ष की तुलना में दस प्रतिशत जहां अधिक हुआ है। लहसुन के थोक भाव गत वर्ष की तुलना में 50 प्रतिशत अधिक दाम तक पहुंच रहे हैं। किसान लायक राम व नरेश ठाकुर इत्यादि ने बताया कि दक्षिण भारत के आढ़ती किसानों के गांव तक पहुंचकर खेतों से ही लहसुन के थोक भाव आजादपुर दिल्ली मंडी के अनुसार दे रहे हैं। प्रमुख आढ़ती व सिरमौर एग्रो प्राइवेट लिमिटेड के संचालक अनिल राणा ने बताया कि दक्षिण भारत की मंडियों में लगातार सिरमौर के लहसुन की मांग बनी हुई है। आढ़तियों ने बताया कि दक्षिण भारतीय मंडियों में लहसुन की मांग इसलिए भी ज्यादा रहती है कि इन राज्यों में नॉन-वेज खाने के शौकीन अधिक लोग हैं। लहसुन का पाउडर यहां कंपनियों द्वारा तैयार किया जाता है। विदेशों में लहसून के पाउडर को भेजा जा रहा है। लिहाजा लहसुन की सर्वाधिक मांग बनी हुई है।
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