Una के अंबोटा में जंगली जानवरों के लिए लगाई छबील

Update: 2024-06-19 11:01 GMT
Gaggeret. गगरेट। निर्जला एकादशी पर पानी का दान करने का विशेष महत्त्व है। यही वजह है कि इस दिन गांव-गांव में लोग छबीलें लगाते हैं, ताकि ज्येष्ठ माह की तपती दोपहर में लोग शीतल जल का आनंद ले सकें। इनसानों के लिए पानी दान करने से अच्छा फल मिलता है, लेकिन क्या किसी ने कभी सोचा कि तपती दोपहर में प्यासे घूम रहे जंगली व आवारा जानवर आखिर पानी कहां पिएंगे। अंबोटा गांव के एक युवक के मन में निरीह जंगली जानवरों की प्यास बुझाने की बात आई तो उसने जंगल के एक सूखे तालाब को भरने की ठान ली। इसका असर यह हुआ कि गांव के कई लोग उसके साथ हो लिए और जंगल के सूखे तालाब को भर डाला गया। अब यहां जंगली
जानवर आकर अपनी प्यास बुझा रहे हैं।
गगरेट के जंगलों को किसी ने माचिस की तीली दिखाई तो गर्मी में बारूद बने सूखे पत्ते इस कद्र दहके कि पूरे जंगल ही जल गए। जंगल की आग मेंं कई निरीह जंगली जानवर झुलस गए, तो कई पानी के लिए मारे-मारे घूमने लगे। अंबोटा गांव के राजीव ठाकुर ने एक दिन जंगल में एक आग से झुलसे जंगली जानवर को देखा जो सूखे तालाब के निकट आकर पानी की तलाश कर रहा था। फिर क्या था राजीव ने इस तालाब को पानी से भरने की ठान ली। उसने अपने मन की बात सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर रखी तो गांव के कई युवक उसके साथ हो लिए। देखते ही देखते राजीव व उसके साथी तालाब को पानी के टैंकरों के साथ भरने में जुट गए। बात पूर्व विधायक राजेश ठाकुर तक पहुंची तो वे भी इन युवाओं के साथ खड़े हो गए।
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