shri krishna janmashtami: कान्हा की बांसुरी की मधुर गूंज से गूंजेगा ब्रज धाम

लाडले कान्हा के जन्म का उल्लास ब्रज में चहुंओर छाने लगा है।

Update: 2021-08-26 09:24 GMT

लाडले कान्हा के जन्म का उल्लास ब्रज में चहुंओर छाने लगा है। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर वंशी की मधुर गूंज से पूरा ब्रज गूंजेगा। त्योहार मनाने के लिए ब्रज का बाजार भी पूरी तरह से तैयार है। जन्माष्टमी के उल्लास को दोगुना करने के लिए भक्त अपने-अपने तरीकों से तैयारियों में जुटे हैं, ऐसे में ब्रज का बाजार कैसे पीछे रहता।

भगवान कृष्ण की प्रिया बांसुरी (वंशी) का बाजार भी इस समय चरम पर है। वृंदावन के ज्ञान गुद्ड़ी, गौरा नगर कॉलोनी, संत कॉलोनी, गांव धौरेरा, तेहरा आदि क्षेत्रों में वंशी निर्माण एक कारोबार का रूप ले रहा है। दिन रात कारीगर वंशी तैयार कर रहे हैं, वहीं कुछ अच्छी किस्म की वंशी बरेली और टनकपुर से भी मंगाई जा रहीं हैं।
दुकानदार विकास ने बताया कि कच्चा माल बरेली से मंगाया जाता है और उसे कारीगरों के माध्यम से छांट-कांट करने के बाद मधुर ध्वनि देने का प्रयास किया जाता है। इसके बाद उन्हें सजाने संवारने का कार्य होता है। 10 से 500 रुपये तक की बांसुरी (वंशी) तक में बिक रही है। व्यापारियों का कहना है कि श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर मथुरा और वृंदावन सहित ब्रज में बांसुरी का लगभग 10 करोड़ रुपये का व्यापार होगा।
वंशी को बनाया जा रहा आकर्षक
बांसुरी को सुंदर और आकर्षित बनाने के लिए ब्रज के कारीगरों द्वारा नई पहल करते हुए बांसुरी को रंग बिरंगे गोटे, कांच के नग, मोती आदि शृंगार सामग्री से सजाया संवारा जा रहा है।
वास्तु दोष को भी मिटाती है बांसुरी
भगवान कृष्ण की प्रिया बांसुरी (वंशी) का वास्तु और आध्यात्मिक महत्व भी है। ज्योतिषाचार्य श्यामदत्त चतुर्वेदी ने बताया कि भगवान कृष्ण की प्रिया बांसुरी से वास्तु दोष समाप्त हो जाते हैं। साथ ही घर की अशांति को मिटाकर सुख समृद्धि के द्वार भी बांसुरी के रखने से खुल जाते हैं। उन्होंने बताया कि महर्षि गर्गाचार्य ने भी स्वयं गर्ग संहिता में बांसुरी की महिमा को प्रगट किया है।
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