Shobhayatra से शूलिनी मेले का आगाज

Update: 2024-06-22 10:43 GMT
Solan. सोलन. राज्यस्तरीय तीन दिवसीय मां शूलिनी मेला सोलन शुक्रवार को माता की शोभायात्रा से शुरू हो गया। मंदिर के पुजारियों और माता के कारदारों ने पालकी को कंधा देकर शोभायात्रा का आगाज किया। मां शूलिनी में अपार श्रद्धा एवं विश्वास का प्रतीक शूलिनी मेला दो साल बाद सोलन में धूमधाम के साथ शुरू हुआ। लोग पारंपरिक परिधानों में शोभायात्रा में शामिल हुए। स्वास्थ्य मंत्री डा. धनी राम शांडिल ने पुरानी कचहरी में मां शूलिनी की सुसज्जित पालकी की अगुवाई की। शुक्रवार को शोभायात्रा से पहले मंदिर में विधिवत पूजा-अर्चना की गई। इसके बाद पारंपरिक वाद्य यंत्र और ढोल-नगाड़ों के साथ मां शूलिनी पालकी में निकलीं। दोहपर करीब 2.30 पर पालकी पुरानी कचहरी पहुंची। पालकी को माता के कल्याणे उठाकर चल रहे थे। पुरानी कचहरी के बाद शोभायात्रा 3.35 बजे चौक बाजार पहुंची। वर्षों से चली आ रही इस परंपरा को मेले के आगाज के रूप में माना जाता है। स्वास्थ मंत्री ने बघाट बैंक से मां की पालकी पर पुष्प वर्षा भी की। इसके बाद अनेक देवताओं की झांकियों के साथ माता शूलिनी का
डोला शहर की ओर रवाना हुआ।
हजारों लोगों ने माता शूलिनी के दर्शन किए। इस दौरान मां शूलिनी सेवा समिति द्वारा माता के सिक्के भी लोगों को प्रसाद के तौर पर वितरित किए गए। इसके बाद शहर भर में भव्य शोभायात्रा निकाली जा रही है। मान्यता है कि शूलिनी माता तीन दिन के लिए अपनी बहन से मिलने आती हैं। इसी मिलन को उत्सव की तरह मनाया जाता है। हर साल मुख्यमंत्री माता की डोली का सोलन के कचहरी चौक पहुंचने पर स्वागत करते थे मगर वो इस बार इसमें शामिल नहीं हो पाए। प्रशासन ने मेले को लेकर कड़ी तैयारियां कर रखी हैं। मां शूलिनी मेले के पहले दिन पालकी में बैठकर अपनी बड़ी बहन मां दुर्गा से मिलने के लिए निकलीं। मां शूलिनी अपने मंदिर से पालकी में बैठकर शहर की परिक्रमा करने के बाद गंज बाजार स्थित बड़ी बहन मां दुर्गा से मिलने पहुंचती हैं। स्वास्थ्य मंत्री डा. कर्नल धनी राम शांडिल ने इस मौके पर प्रदेशवासियों को बधाई दी और उनके मंगल रहने की कामना की। उन्होंने ने कहा कि मेला प्रदेश में अपनी अलग पहचान रखता है और इससे लोगों की आस्था भी जुड़ी हुई है। ऐसे मेलों से ही हिमाचल की संस्कृति और परंपराएं जिंदा हैं।
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