Safe Area में करो शिफ्ट, फिर लगाओ क्रशर

Update: 2024-08-10 10:55 GMT
Milevan. मीलवां। क्रशर उद्योग के खिलाफ मंड क्षेत्र के ग्रामीण एक बार फिर एकजुट होकर इसके विरोध में उतर आए हैं। शुक्रवार को मलकाना के नजदीक लगने वाले नए क्रशर के विरोध में ग्रामीणों ने जमकर विरोध किया जबकि नए लगने वाले क्रशर की ज्वाइंट कमेटी का निरीक्षण सहित एसडीएम सुरिंद्र ठाकुर का दौरा भी रद्द हो गया जिस कारण भी ग्रामीणों में रोष है। ग्रामीणों का कहना है कि मंड क्षेत्र जो कि एक हिमाचल प्रदेश का उपजाऊ क्षेत्र है बाढ़ की मार अक्सर झेलते आया है। पिछले साल भी अगस्त महीने में आई भयानक बाढ़ से इसी जगह से पानी ने अपना रास्ता बदलकर मंड क्षेत्र में तबाही मचाई थी तथा सरकारी रिकॉर्ड अनुसार वायु सेना के हेलिकॉप्टर ने कुल 819 लोगों का रेस्क्यू किया था तथा 3024 हेक्टेयर की फसल बर्बाद हुई थी तथा 175 हेक्टेयर भूमि खड्ड में
तब्दील हुई थी।

इसके अलावा बिजली बोर्ड के 99 पोल, 35 ट्रांसफार्मर बर्बाद हुए थे। लोक निर्माण विभाग को एक करोड़ 57 लाख 62 हजार का नुकसान हुआ था जबकि शाह नहर को भी 16 करोड़ 65 लाख का भारी नुकसान हुआ था। इसी को मद्देनजर रख ग्रामीणों ने सरकार से मंड क्षेत्र को नो माइनिंग जोन घोषित करने की भी मांग करते हुए स्पष्ट किया कि सरकार को अगर खनन इतना ही प्यारा है तो पूरे मंड की आबादी को किसी दूसरे सुरक्षित एरिया में माइग्रेट किया जाए। इस मौके पर गांव मलकाना, घंडरां, मियानी, मंजवाह, सनौर, पराल, ढसोली से ग्रामीणों ने इक्कठे होकर जोरदार प्रदर्शन करते हुए क्रशर का विरोध किया। ग्रामीणों का स्पष्ट कहना था कि वह मंड क्षेत्र में किसी अन्य क्रशर उद्योग को किसी भी कीमत पर नहीं लगने देंगे।
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