शरद पवार का हमला, सीएम एकनाथ शिंदे और पीएम नरेंद्र मोदी को लेकर कही ये बात

Update: 2022-09-15 12:21 GMT

न्यूज़ क्रेडिट: हिंदुस्तान | फोटो: ANI 

मुंबई: वेदांता और फॉक्सकॉन की सेमीकंडक्टर बनाने की साझा परियोजना के महाराष्ट्र की बजाय गुजरात चले जाने पर राजनीति लगातार तेज है। अब इस मामले में महाराष्ट्र के वरिष्ठ नेता शरद पवार का भी बयान सामने आया है। उन्होंने इस मामले में एकनाथ शिंदे की ओर से दिए बयान पर तंज कसा है, जिसमें उन्होंने कहा था कि पीएम नरेंद्र मोदी ने उन्हें इससे भी बड़े प्रोजेक्ट का भरोसा दिया है। शरद पवार ने कहा कि यह कहना कि फॉक्सकॉन से बड़ा प्रोजेक्ट दिया जाएगा, किसी बच्चे को समझाने जैसा है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में हमेशा से बड़े औद्योगिक प्रोजेक्ट आते रहे हैं, लेकिन अब उन्हें छीना जा रहा है।
शरद पवार ने एकनाथ शिंदे और पीएम नरेंद्र मोदी की बातचीत को लेकर कहा, 'परिवार में दो छोटे बच्चे हैं। एक को गुब्बारा दिया जाता है तो दूसरा रोने लगता है। इस पर माता-पिता आपको उससे बड़ा गुब्बारा देने के लिए कहते हैं। ऐसा ही हो रहा है।' इसके साथ ही शरद पवार ने सलाह दी कि अब इस मामले को बंद कर देना चाहिए। अब यह देखना चाहिए कि क्या नया किया जा सकता है। यही नहीं उन्होंने इस परियोजना के लिए सही से डील न कर पाने का आरोप उद्धव ठाकरे पर लगाए जाने की बात को भी गलत बताया। उन्होंने कहा कि एकनाथ शिंदे और उदय सामंत तो उसी सरकार में मंत्री थे।
पुणे में मीडिया से बात करते हुए शरद पवार ने कहा, 'फॉक्सकॉन परियोजना को तलेगांव, पुणे में होना चाहिए था। तलेगांव परियोजना के लिए सही जगह थी। लेकिन जब राज्य में परियोजना गुजरात गई, तो यह वास्तव में दुर्भाग्यपूर्ण है। महाराष्ट्र के लिए आई परियोजना को गुजरात नहीं जाना था, लेकिन अब परियोजना निकल गई है। अधिक बात करने का कोई मतलब नहीं है। लेकिन मैं ध्यान आकर्षित करना चाहता हूं। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उद्योग मंत्री उदय सामंत दोनों तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की सरकार में ही मंत्री थे।'
बता दें कि 1.54 लाख करोड़ रुपये के इस प्रोजेक्ट से करीब डेढ़ लाख लोगों को रोजगार मिलने की बात कही जा रही है। ऐसे में इस परियोजना को लेकर विपक्ष एकनाथ शिंदे सरकार पर हमलावर है। वहीं इस पर सफाई देते हुए एकनाथ शिंदे सरकार ने इसका ठीकरा पूर्व की उद्धव सरकार पर फोड़ा है। उदय सामंत ने बुधवार को कहा था कि इस मामले में उद्धव ठाकरे ने सही से डील नहीं किया और इसीलिए प्रोजेक्ट गुजरात चला गया।
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