शांभवी चौधरी समस्तीपुर सीट से उम्मीदवार, जानिए इनके बारे में
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पटना: चिराग पासवान ने शनिवार को अपनी पार्टी के पांच उम्मीदवारों की आधिकारिक तौर पर घोषणा कर दी. लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) की तरफ से 5 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की गई, जिसमें बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी की बेटी शांभवी चौधरी को भी मौका दिया गया. शांभवी चौधरी को समस्तीपुर सुरक्षित सीट से उम्मीदवार बनाया गया है. शांभवी चौधरी पूर्व आईपीएस अधिकारी आचार्य किशोर कुणाल की बहू हैं और उनके बारे में पहले जमुई से चुनाव लड़ने की चर्चा थी. हालांकि अब चिराग पासवान ने इन्हें समस्तीपुर सुरक्षित सीट से उम्मीदवार बनाया है. शांभवी पहली दफे राजनीति में कदम रख रही हैं.
शांभवी चौधरी की शादी पूर्व आईपीएस किशोर कुणाल के बेटे शायन कुणाल से हुई है. शांभवी चौधरी की फेसबुक प्रोफाइल की मानें तो उन्होंने लेडी श्रीराम कॉलेज और दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनोमिक्स से पढ़ाई की है. उन्होंने Amity University से Sociology में डॉक्टरेट (Phd) पूरी की है. लेकिन उनकी फेसबुक प्रोफाइल अभी वेरिफाइड नहीं है. शांभवी चौधरी की जॉब की बात करें तो वह पटना के ज्ञान निकेतन स्कूल में डायरेक्टर के पद पर हैं. इसके अलावा वह सामाजिक कार्यों में भी बढ़ चढ़कर हिस्सा लेती हैं.
सूत्रों के मुताबिक, शांभवी के पति शायन ने हाल ही में दिल्ली में चिराग से मुलाकात की थी. बैठक के बाद चिराग ने शांभवी को जमुई (एससी) या समस्तीपुर (एससी) सीट से मैदान में उतारने का फैसला किया था. बाद में चिराग ने जमुई सीट से अपने बहनोई अरुण भारती को मैदान में उतारने का फैसला किया. भारती ने हाल ही में जमुई से एलजेपी (रामविलास) उम्मीदवार के रूप में नामांकन पत्र दाखिल किया, जहां 19 अप्रैल को पहले चरण में मतदान होना है. शांभवी के दादा महावीर चौधरी राज्य में पिछली कांग्रेस सरकारों में कैबिनेट मंत्री थे.
देश में जब वीपी सिंह की सरकार थी तो उस वक्त आचार्य किशोर कुणाल को केंद्र सरकार ने विश्व हिंदू परिषद और बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के बीच मध्यस्थता के लिए विशेष अधिकारी के तौर पर नियुक्त किया था.
आईपीएस की सेवा से रिटायर होने के बाद आचार्य किशोर कुणाल सामाजिक कार्यों से जुड़ गए और वर्तमान में वो बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड के अध्यक्ष और पटना के चर्चित महावीर मन्दिर न्यास के सचिव भी हैं. महावीर मंदिर न्यास बोर्ड पटना में कई स्कूलों और कैंसर अस्पताल का संचालन करती है. आचार्य किशोर कुणाल राजधानी पटना में ज्ञान निकेतन जैसे चर्चित स्कूल के संस्थापक भी हैं.
चिराग पासवान ने उनसे बगावत करने वाली सांसद वीणा देवी को एक बार फिर से वैशाली में मौका दे दिया है. चिराग पासवान वीणा देवी को लेकर खुले मंच से यह बात कहते रहे हैं कि गद्दारों को मौका नहीं देंगे, लेकिन आखिरकार उन्होंने वीणा देवी को फिर से मौका दे दिया.
राजेश वर्मा को चिराग पासवान ने खगड़िया से उम्मीदवार बनाया है. राजेश वर्मा इसके पहले विधानसभा का चुनाव चिराग की पार्टी से लड़ चुके हैं लेकिन उन्हें जीत हासिल नहीं हुई थी. बाद में उन्हें भागलपुर में जिलाध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई लेकिन उन्होंने इस जिम्मेदारी को नहीं निभाया. अब एक बार फिर से उन्हें अचानक से खगड़िया का उम्मीदवार बना दिया गया है. चिराग की पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं के लिए भी ये नाम नाम चौंकाने वाला है. आपको बता दें कि चिराग पासवान की पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अरुण कुमार ने दो दिन पहले ही नाराज होकर इस्तीफा दे दिया था और आगे आने वाले दिनों में चिराग की पार्टी छोड़ने वाले नेताओं की तादाद और बढ़ सकती है.