राजधानी में महिला की Instagram फोटो का इस्तेमाल करने लगा सेक्स रैकेट का गिरोह, ऐसे हुआ खुलासा

राजधानी में महिला की Instagram फोटो का इस्तेमाल करने लगा सेक्स रैकेट का गिरोह, ऐसे हुआ खुलासा

Update: 2020-10-13 00:58 GMT

फाइल फोटो 

राजधानी दिल्ली से सटे नोएडा में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. यहां एक आईटी कंपनी में काम करने वाली महिला ने आरोप लगाया है कि कुछ तस्वीरें जो उसने हाल ही में इंस्टाग्राम पर पोस्ट की थीं, उनका इस्तेमाल सेक्स ट्रेड का एक गिरोह कर रहा था. महिला कर्मचारी ने आरोप लगाया है कि गिरोह फेसबुक और व्हाट्सएप पर उनकी तस्वीरें भेज रहा था.

सेक्शुअल फेवर के बदले चार हजार से 15 हजार रुपये की मांग कर रहा था. आरोपी, 40 वर्षीय महिला ने कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अकाउंट बनाए और व्हाट्सएप नंबर के साथ महिला की तस्वीरें अपलोड की थीं. हालांकि ये तस्वीरें शिकायतकर्ता महिला की थीं, लेकिन वहां उसका नाम कुछ और था.

इस तरह से हुआ खुलासा

टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, आईटी कंपनी में काम करने वाली महिला ने कहा कि उसे पिछले महीने इस रैकेट के बारे में उस समय पता चला जब उसके कुछ दोस्तों ने उसके साथ तस्वीरें साझा कीं जो लगातार सर्कुलेट की जा रही थीं. पीड़ित दो बच्चों की मां है.

पीड़ित महिला ने बताया "सितंबर के महीने में मेरे कुछ दोस्तों को सेक्सुअल फेवर की पेशकश करती हुई मेरी तस्वीरों को देखकर चौंक गए. ग्राहकों तक पहुंचाने के लिए एक व्हाट्सएप नंबर भी उसमें मौजूद था. ये अकाउंट पिछले महीने ही बनाया गया था. इसमें फोटो मेरे थे पर नाम अलग था."

मांगे जा रहे थे रुपये

महिला ने अपने दोस्तों से व्हाट्सएप नंबर डायल करने और संभावित ग्राहक बनने को कहा. कॉल रिसीव करने वाले एक शख्स ने सहमति जताते हुए कहा कि जो फोटो आपको मिली हैं वह उन महिलाओं की व्यवस्था करवा सकते हैं. जब पैसे के बारे में पूछा गया तो रैकेट की ओर से कहा गया कि एक ग्राहक को एडवांस में तीन हजार रुपये देने पड़ेंगे. एक घंटे की मुलाकात के लिए पांच हजार रुपये और पूरी रात के लिए 15 हजार रुपये का शुल्क लेने की बात कही.

व्हाट्सएप से होती थी बात

खास बात यह थी कि रैकेट व्हाट्सएप पर ही बात करते थे. महिला की कई तस्वीरें भेज कर दावा किया गया कि वह अपने पति से अलग हो गई है. आरोपी ने दावा किया कि वह चंडीगढ़ से है. भुगतान के लिए उसने एक बैंक अकाउंट भी उपलब्ध कराया. IFSC कोड के जरिए पता चला कि यह खाता नोएडा का है. क्योंकि व्हाट्सेप को रिकॉर्ड या ट्रैक नहीं किया जा सकता इसलिए आरोपी इस एप पर ही बात करते.

मामला सेक्टर 49 पुलिस स्टेशन से साइबर सेल को भेज दिया गया है. महिला ने बताया कि अधिकारियों के मुताबिक साइबर सेल 15 दिन के अंदर एकाउंट्स को ब्लॉक कर देगी. अभी तक कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं हुई है. महिला ने अपना इंस्टाग्राम अकाउंट डिएक्टिवेट कर दिया है. साइबर अपराध जांच के मुखिया अंकुर अग्रवाल के मुताबिक IT अधिनियम के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत एक प्राथमिकी दर्ज हुई है.

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