शाहीन बाग में अतिक्रमण हटाने के खिलाफ याचिका पर SC में सुनवाई जारी

Update: 2022-05-09 09:15 GMT

Bulldozer in Shaheen Bagh: शाहीन बाग में अतिक्रमण के खिलाफ हुई कार्रवाई पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जाहिर की है. अब सुप्रीम कोर्ट थोड़ी देर में इसपर सुनवाई करेगा. सुप्रीम कोर्ट ने सवाल किया है कि जब अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई का मामला पहले से कोर्ट में है तो फिर बुलडोजर क्यों पहुंचा? बता दें कि दक्षिण दिल्ली के शाहीन बाग में अवैध निर्माण कर बसाई गई बस्तियों को हटाने और ध्वस्त करने के आदेश के खिलाफ दो दिन पहले भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी (CPM) ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी.

साउथ एमसीडी की टीम सोमवार सुबह पुलिस फोर्स के साथ अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई करने शाहीन बाग पहुंची थी. यहां एमसीडी की टीम को लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा. लोगों के विरोध को देखते हुए CRPF की एक कंपनी अतिरिक्त दिल्ली पुलिस के साथ लॉ एंड ऑर्डर के लिए लगाई गई थी. CRPF के भी करीब 100 जवान तैनात किए गए थे.
उधर, नगर निगम की टीम अतिक्रमण हटाने के लिए बुलडोजर के अलावा टीम मलबा उठाने के लिए कुछ गाड़ियां अपने साथ लेकर यहां पहुंची थी. इसके अलावा MCD के कर्मचारियों के हाथों में लाल रंग का रिबन बांधा गया था, ताकि उनकी पहचान हो सके.
शाहीन बाग में एमसीडी की टीम पहुंचते ही लोगों ने इस कार्रवाई का विरोध करना शुरू कर दिया. विरोध कर रहे लोगों ने दिल्ली नगर निगम और भारतीय जनता पार्टी के विरोध में नारेबाजी की. विरोध-प्रदर्शन कर रहे लोगों ने कहा कि हमारा विरोध सामान्य नहीं बल्कि रोटी के लिए विरोध है. इस दौरान मौके पर मौजूद पुलिस की टीम ने कार्रवाई के बीच में नारेबाजी कर रहे लोगों को वहां से हटा दिया. एमसीडी की इस कार्रवाई का विरोध करने वालों में महिलाएं भी शामिल रही. कई महिलाएं अतिक्रमण हटाने के लिए लाए गए बुलडोजर के आगे आकर खड़ी हो गईं. महिलाओं ने कहा कि किसी भी कार्रवाई से पहले एमसीडी को पहले उनपर बुलडोजर चलाना होगा.

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