अमेरिका ने कैदियों की तरह अवैध भारतीय प्रवासियों को निकाला, US से इतने और अवैध भारतीय प्रवासी होंगे डिपोर्ट

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Update: 2025-02-07 12:32 GMT
फोटो: सोशल मीडिया
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने कहा कि अमेरिकी अधिकारियों ने वहां रह रहे 487 और अवैध भारतीय प्रवासियों की पहचान की है और उन्हें जल्द ही भारत वापस भेज दिया जाएगा. इसी बीच भारत ने निर्वासित होने वाले भारतीयों के साथ दुर्व्यवहार की आशंका पर चिंता जताई है. अमेरिका से अवैध भारतीय प्रवासियों को डिपोर्ट किए जाने को लेकर विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि विदेश मंत्री (EAM) ने अमेरिकी अधिकारियों द्वारा शेयर किए गए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर (SOP) की जानकारी दी है. विक्रम मिस्री ने कहा कि विदेश मंत्री ने ध्यान दिलाया कि यह प्रक्रिया लंबे समय से चली आ रही है. हालांकि, निर्वासित प्रवासियों के साथ दुर्व्यवहार का मुद्दा एक गंभीर विषय है, जिसे हमने अमेरिकी अधिकारियों के सामने उठाया है.
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि अमेरिका ने भारत को 487 संभावित भारतीय नागरिकों के बारे में सूचित किया है, जिन्हें निष्कासन आदेश जारी किए गए हैं. उन्होंने कहा कि हमने अमेरिकी प्रशासन को स्पष्ट कर दिया है कि निर्वासित भारतीयों के साथ कोई भी अमानवीय व्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. अगर किसी भी प्रकार के दुर्व्यवहार की जानकारी हमें मिलती है, तो हम इसे तुरंत उच्च स्तर पर उठाएंगे.
इसके अलावा विदेश सचिव ने अवैध प्रवास को बढ़ावा देने वाले गिरोहों और नेटवर्क्स के खिलाफ ठोस कार्रवाई की जरूरत पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि हमें पूरे सिस्टम में मौजूद उस ईकोस्सिटम पर कार्रवाई करने की जरूरत है, जो अवैध इमिग्रेशन को बढ़ावा देता है.
अमेरिका जाएंगे पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 12 फरवरी को दो दिवसीय अमेरिकी दौरे पर जाएंगे। पीएम मोदी का अमेरिकी दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब कथित अवैध भारतीयों को निकाले जाने के दौरान हुई बदसलूकी को लेकर बवाल मचा हुआ है। कांग्रेस, समाजवादी पार्टी (सपा) और कुछ अन्य विपक्षी दलों के नेताओं ने अमेरिका से 100 से अधिक अवैध प्रवासी भारतीयों को वापस भेजे जाने और उनके साथ कथित तौर पर अमानवीय व्यवहार किए जाने के खिलाफ बृहस्पतिवार को संसद परिसर में प्रदर्शन किया था।
पीएम मोदी के विदेश दौरे की बात करें, तो वह इस महीने दो महत्वपूर्ण विदेशी यात्राएं करेंगे। वे 10 से 12 फरवरी तक फ्रांस की यात्रा करेंगे और इसके तुरंत बाद 12 से 13 फरवरी को अमेरिका का आधिकारिक दौरा करेंगे। इस यात्रा के दौरान भारत और इन दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को और सशक्त बनाने पर चर्चा होगी। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने शुक्रवार को ये जानकारी दी। 20 जनवरी को डोनाल्ड ट्रंप के देश के 47वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने के बाद मोदी की यह पहली अमेरिका यात्रा होगी।
विक्रम मिस्री ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया कि प्रधानमंत्री मोदी फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के निमंत्रण पर 10 से 12 फरवरी 2025 तक फ्रांस की आधिकारिक यात्रा करेंगे। इस दौरान वे "आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) एक्शन समिट" में भाग लेंगे, जिसका आयोजन फ्रांस कर रहा है। प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति मैक्रों इस शिखर सम्मेलन की सह-अध्यक्षता करेंगे। पीएम मोदी 10 फरवरी की शाम पेरिस पहुंचेंगे, जहां Élysée Palace में राष्ट्रपति मैक्रों द्वारा आयोजित रात्रिभोज में शामिल होंगे। इस विशेष आयोजन में तकनीकी क्षेत्र के दिग्गज सीईओ और अन्य प्रतिष्ठित अतिथि भी मौजूद रहेंगे।
11 फरवरी को प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति मैक्रों मिलकर AI एक्शन समिट की अध्यक्षता करेंगे। यह वैश्विक स्तर पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के प्रभाव और इसके संभावित खतरों से निपटने की रणनीतियों पर चर्चा के लिए आयोजित किया गया है। इस तरह का पहला सम्मेलन 2023 में यूके, और दूसरा 2024 में दक्षिण कोरिया में हुआ था।
फ्रांस यात्रा के बाद प्रधानमंत्री मोदी 12 और 13 फरवरी को अमेरिका के आधिकारिक दौरे पर जाएंगे। यह दौरा अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के निमंत्रण पर हो रहा है। यह उनके दूसरी बार राष्ट्रपति बनने के बाद पीएम मोदी की पहली अमेरिका यात्रा होगी। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बताया कि मोदी उन पहले कुछ विश्व नेताओं में से होंगे, जिन्हें ट्रंप प्रशासन के कार्यभार संभालने के तीन सप्ताह के भीतर अमेरिका आने का निमंत्रण मिला है। यह भारत-अमेरिका रणनीतिक साझेदारी के महत्व को दर्शाता है और अमेरिकी राजनीति में द्विदलीय समर्थन को भी प्रतिबिंबित करता है।
अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे भारतीय नागरिकों के प्रत्यर्पण और उनके साथ होने वाले व्यवहार को लेकर भी भारत सरकार ने अपनी चिंता जताई है। विदेश सचिव ने कहा कि विदेश मंत्री (EAM) ने अमेरिका द्वारा अपनाए गए "मानक संचालन प्रक्रिया" (SOP) की जानकारी साझा की है और यह भी स्पष्ट किया कि यह व्यवस्था पहले से चली आ रही है।
हालांकि, विदेश सचिव ने दोहराया कि भारत इस मुद्दे पर लगातार अमेरिकी अधिकारियों से संवाद करता रहेगा और यह सुनिश्चित करने की मांग करेगा कि भारतीय नागरिकों के साथ कोई दुर्व्यवहार न हो। उन्होंने यह भी कहा कि अवैध प्रवासन को बढ़ावा देने वाले पूरे तंत्र को समाप्त करने के लिए समुचित कार्रवाई की आवश्यकता है।
बता दें कि विभिन्न राज्यों के 104 अवैध प्रवासियों को लेकर एक अमेरिकी सैन्य विमान बुधवार को अमृतसर पहुंचा था। अवैध प्रवासियों के खिलाफ कार्रवाई के तहत अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन द्वारा निर्वासित भारतीयों का यह पहला समूह था। निर्वासित किए गए 33-33 लोग हरियाणा और गुजरात से, 30 पंजाब से, तीन-तीन महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश से और दो चंडीगढ़ से थे।
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