नूपुर शर्मा के बयान पर बवाल, अब तक देशभर में इतने लोग गिरफ्तार

Update: 2022-06-13 05:34 GMT

न्यूज़ क्रेडिट: आजतक

नई दिल्ली: नूपुर शर्मा के बयान के विरोध में शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद देशभर में हुए हिंसक प्रदर्शनों के मामलों में अब तक 400 लोग गिरफ्तार हो चुके हैं. दरअसल, शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद दिल्ली, रांची, लखनऊ, कोलकाता और प्रयागराज समेत देश के तमाम शहरों में हिंसक प्रदर्शन हुए थे. प्रदर्शनकारी बीजेपी की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा की गिरफ्तारी की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे. नूपुर शर्मा ने हाल ही में एक टीवी डिबेट में पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ विवादित टिप्पणी की थी.

उधर, यूपी में प्रशासन ने हिंसा के दूसरे दिन आरोपियों के अवैध घरों पर बुलडोजर चलाया. उधर, रविवार शाम को पश्चिम बंगाल के नादिया में कुछ लोगों ने बेथुआदहारी रेलवे स्टेशन पर लोकल ट्रेन में तोड़फोड़ की गई. वहीं, हावड़ा और मुर्शीदाबाद में हिंसा के बाद से धारा 144 लागू है.
यूपी के 8 जिलों से 316 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, वहीं पश्चिम बंगाल में 100 लोगों की गिरफ्तारी हुई है. रांची में पुलिस ने 25 मामले दर्ज किए हैं. इनमें 1000 से ज्यादा लोगों के नाम हैं. रांची में हुई झड़प में 2 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि कई लोग जख्मी हुए थे. रांची में हुई हिंसा के बाद पूरे झारखंड में सुरक्षा व्यवस्था को कड़ा कर दिया गया है.
सपा समेत अन्य विपक्षी नेताओं ने हिंसा के लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. वरिष्ठ कांग्रेसी नेता पी चिदंबरम ने कहा, आपत्तिजनक बयानों के तुरंत बाद पीएम मोदी को बोलना चाहिए था और कार्रवाई करनी चाहिए थी.
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, कानून और व्यवस्था का मामला राज्य सरकार का है. राज्य सरकारों को दंगाइयों पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए. उन्होंने कहा, लोकतंत्र में हिंसा की कोई जगह नहीं होती. लोकतंत्र में हर किसी को अपनी बात रखने का मौका मिलना चाहिए और जब बात से मामला हल हो सकता है, तो यहां पत्थरबाजी और उपद्रव करने का सवाल ही नहीं उठता. उन्होंने कहा, नेताओं और पार्टियों को आग में घी का काम नहीं करना चाहिए.
नूपुर शर्मा और नवीन कुमार जिंदल ने पैगंबर मोहम्मद पर विवादित बयान दिया था. इसके बाद पार्टी ने दोनों नेताओं को बाहर का रास्ता दिखा दिया. दिल्ली पुलिस ने दोनों नेताओं के खिलाफ मामला दर्ज किया है. उधर, जुमा की नमाज के बाद दिल्ली समेत देश के तमाम शहरों में नूपुर शर्मा की गिरफ्तारी की मांग को लेकर प्रदर्शन हुआ था. इस दौरान कई जगहों पर पत्थरबाजी हुई थी. यहां तक कि कई जगहों पर सुरक्षाबलों के साथ झड़प भी हुई थी.
महाराष्ट्र में भिवंडी पुलिस ने नूपुर शर्मा का बयान दर्ज करने के लिए उन्होंने सोमवार को बुलाया है. वहीं, जिंदल को 15 जून को जांच में शामिल होने के लिए समन भेजा गया है. दोनों नेताओं के खिलाफ रजा अकेडमी द्वारा मामला दर्ज कराया गया है. इससे पहले ठाणे पुलिस ने शर्मा को 22 जून को पेश होने के लिए कहा था.
यूपी में सीएम योगी ने दंगाइयों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के आदेश दिए हैं. उधर, यूपी के एडीजी लॉ एंड आर्डर प्रशांत कुमार ने बताया कि 13 मामले दर्ज किए गए हैं. 8 जिलों से 316 लोगों की गिरफ्तारी हुई है.
प्रयागराज में 92 लोगों की गिरफ्तारी हुई है. सहारनपुर में 79, हाथरस में 51, अंबेडकर नगर में 34, मुरादाबाद में 35, फिरोजाबाद में 15, अलीगढ़ में 6 और जालौन में चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
प्रयागराज में शुक्रवार को प्रदर्शनकारियों ने उपद्रव मचाया था. इसके बाद प्रशासन ने रविवार को हिंसा के मुख्य आरोपी का घर गिरा दिया था. इस दौरान बड़ी संख्या में पुलिसबल की तैनाती रही. इससे पहले सहारनपुर में 2 आरोपियों की अवैध संपत्तियों पर बुलडोजर चलाया गया.
रांची में 33 घंटे के बाद इंटरनेट सेवा चालू कर दी गई. इतना ही नहीं झारखंड की राजधानी में रेपिड एक्शन फोर्स, एंटी टेररिज्म स्क्वायड, स्पेशल टास्क फोर्स और स्थानीय पुलिस चप्पे चप्पे पर तैनात रही. उधर, मृतकों के परिजनों का दावा है कि दोनों युवक प्रदर्शन में शामिल नहीं थे.
पश्चिम बंगाल के नादिया के बेथुआदहारी में रविवार को हिंसा हुई. यहां करीब 1000 उपद्रवियों ने पथराव किया. घरों को नुकसान पहुंचाया और सड़कों को जाम किया. जब पुलिस ने उपद्रवियों को खदेड़ा तो, भीड़ ने बेथुआदहारी रेलवे स्टेशन पर घुसकर ट्रेनों पर हमला कर दिया. इसके बाद करीब दो घंटे रेलवे सेवा बधित रही. इस मामले में 10 लोगों को हिरासत में लिया गया है. उधर, नादिया के धूबुलिया रेलवे स्टेशन पर भी कुछ लोगों ने हमला किया. इसमें कुछ कर्मचारी और यात्री जख्मी हुए हैं.
जम्मू कश्मीर के भद्रवाह में मस्जिद से भड़काऊ भाषण देने के आरोप में पुलिस ने आदिल गफूर को गिरफ्तार किया है. दिल्ली में जामा मस्जिद इलाके में विरोध प्रदर्शन के मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है. आरोप है कि सांप्रदायिक तनाव बढ़ाने के लिए बिना परमिशन के प्रदर्शन किया गया था. इतना ही नहीं दिल्ली पुलिस सीसीटीवी के आधार पर प्रदर्शन में शामिल लोगों की पहचान करने में जुटी है.
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