नई दिल्ली: देश में कोरोना वायरस का संक्रमण लगातार बढ़ता ही जा रहा है. हर रोज कोरोना वायरस के नए संक्रमित मरीजों की संख्या में इजाफा देखा जा रहा है. वहीं कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए इस साल मार्च के महीने से लॉकडाउन भी लगाया गया था. लॉकडाउन के दौरान सड़क दुर्घटनाओं में कमी देखने को मिली थी. साथ ही सड़क दुर्घटनाओं में मरने वाले लोगों की संख्या में गिरावट देखी गई थी लेकिन अब एक बार फिर से सड़क दुर्घटनाओं में मरने वाले लोगों की संख्या में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है.
देश में कोरोना वायरस के संकट से निपटने के लिए लॉकडाउन लागू किया गया था. लॉकडाउन के दौरान लोगों से घरों में रहने की अपील की गई थी. इस दौरान जरूरी सेवाओं से जुड़े वाहनों और आपातकालीन वाहनों को ही आवाजही की इजाजत थी. इसके अलावा बिना अनुमति के अन्य वाहनों को सड़कों पर आने की इजाजत नहीं थी. जिसके कारण सड़क दुर्घटनाओं और सड़क दुर्घटनाओं में मरने वाले लोगों की संख्या में कमी दर्ज की गई थी.
हालांकि अनलॉक की प्रक्रिया के बाद से जुलाई-सितंबर महीने के दौरान सड़क दुर्घटनाएं बढ़ी हैं और इनमें मरने वाले लोगों की संख्या भी बढ़ी है. सड़क सुरक्षा पर बनी सुप्रीम कोर्ट की कमेटी को राज्यों की ओर से उपलब्ध करवाए गए जुलाई-सितंबर क्वार्टर के डेटा के मुताबिक इन तीन महीनों में 33281 लोगों की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई. वहीं अप्रैल-जून क्वार्टर में सड़क दुर्घटना में 20732 लोगों की जान गई थी. जबकि पिछले साल 2019 में अप्रैल-जून क्वार्टर में सड़क दुर्घटना में 41032 लोगों की मौत हुई थी.
वहीं पिछले साल जुलाई-सितंबर क्वार्टर में सड़क दुर्घटनाओं में मरने वालों लोगों की संख्या इस साल से ज्यादा थी. पिछले साथ जुलाई-सितंबर क्वार्टर में 34796 लोगों की सड़क दुर्घटनाओं में मौत हुई थी. इसके अलावा इस साल जनवरी-मार्च क्वार्टर में सड़क दुर्घटनाओं में 35514 लोगों की मौत हुई. वहीं पिछले साल जनवरी-मार्च क्वार्टर में 38603 लोगों की जान गई थी.