शोध अध्ययन साइंस जर्नल में 'डेल्टा वैरिएंट की तुलना में ओमिक्रोन के स्पाइक प्रोटीन में तीन से पांच गुना ज्यादा म्युटेशन' हुआ प्रकाशित

ब्रिटिश कोलंबिया विश्वविद्यालय (यूबीसी) के एक भारतीय मूल के शोधकर्ता ने ओमिक्रोन वैरिएंट के स्पाइक प्रोटीन की आणविक संरचना तैयार की है। यह पहली बार है कि विश्व में इस नए वैरिएंट के आणविक स्तर का संरचनात्मक विश्लेषण किया गया है।

Update: 2022-01-22 17:55 GMT

ब्रिटिश कोलंबिया विश्वविद्यालय (यूबीसी) के एक भारतीय मूल के शोधकर्ता ने ओमिक्रोन वैरिएंट के स्पाइक प्रोटीन की आणविक संरचना तैयार की है। यह पहली बार है कि विश्व में इस नए वैरिएंट के आणविक स्तर का संरचनात्मक विश्लेषण किया गया है। यह शोध अध्ययन साइंस जर्नल में प्रकाशित हुआ है। इससे यह पता चलता है कि ओमिक्रोन वैरिएंट कितनी मजबूती से मानव कोशिकाओं से चिपकता है और उन्हें संक्रमित करता है।

बेहतर उपचार विकसित करने की संभावनाएं

यूबीसी के जैव रसायन और आणविक जीव विज्ञान विभाग में प्रोफेसर और अध्ययन रिपोर्ट के प्रमुख लेखक डा. श्रीराम सुब्रमण्यम ने कहा, 'वायरल स्पाइक प्रोटीन की आणविक संरचना को समझना महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे हमें भविष्य में ओमिक्रोन और संबंधित वैरिएंट के खिलाफ अधिक प्रभावी उपचार विकसित करने में मदद मिलेगी।' डा. सुब्रमण्यम आगे कहते हैं कि वायरस जिन तंत्रों के द्वारा मानव कोशिकाओं को संक्रमित करता है अगर हम उनका विश्लेषण कर लेते हैं तो हम बेहतर उपचार विकसित कर सकते हैं। हम उपचार का ऐसा तरीका तैयार बना सकते हैं जो वायरस के संक्रमित करने की प्रक्रिया को बाधित करे और वायरस को बेअसर कर दे।
मानव कोशिकाओं से मजबूती से चिपकता है ओमिक्रोन
गौरतलब है कि ओमिक्रोन के स्पाइक प्रोटीन में 36 म्युटेशन हुए स्पाइक प्रोटीन कोरोना वायरस के ऊपरी परत पर रहता है और जिसके माध्यम से सार्स-सीओवी-2 वायरस मानव कोशिकाओं में प्रवेश करता है। ओमिक्रोन वैरिएंट के स्पाइक प्रोटीन में 36 म्युटेशन हुए हैं जो पहले के वैरिएंट के स्पाइक प्रोटीन में हुए म्युटेशन से तीन से पांच गुना ज्यादा है। मानव कोशिकाओं से मजबूती से चिपकता है ओमिक्रोन इस अध्ययन से यह भी पता चला है कि डेल्टा समेत कोरोना के दूसरे वैरिएंट की तुलना में ओमिक्रोन वैरिएंट स्पाइक प्रोटीन में हुए अधिक बदलाव के चलते मानव कोशिकाओं के साथ मजबूती से चिपक जाता है।
टीकाकरण सबसे बढ़िया हथियार
डा. सुब्रमण्यम ने यह भी कहा कि यह भी देखने को मिला है कि ओमिक्रोन वैरिएंट वैक्सीन से पैदा हुई एंटीबाडी की तुलना में स्वाभाविक रूप से हुए संक्रमण से पैदा हुई एंटीबाडी को चकमा देने में ज्यादा कारगर रहता है। इससे यह स्पष्ट होता है कि ओमिक्रोन के खिलाफ भी टीकाकरण बचाव का सबसे बेहतर उपाय है।
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