पहाड़ी क्षेत्रों के निवासियों के लिए पुनर्वास योजना की जरूरत: केंद्रीय मंत्री आठवले ने महाराष्ट्र सरकार से कहा
केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने रविवार को महाराष्ट्र सरकार को राज्य के पहाड़ी इलाकों के निवासियों को प्राथमिकता के आधार पर स्थानांतरित करने की योजना का मसौदा तैयार करने का सुझाव दिया। वह रायगढ़ जिले के खालापुर तहसील में इरशालवाड़ी भूस्खलन त्रासदी से बचे लोगों के आश्रय स्थल का दौरा करने के बाद पत्रकारों से बात कर रहे थे।
अठावले ने यह भी कहा कि राज्य सरकार किसी भी संभावित आपदा से बचाने के लिए पहाड़ी इलाकों के निवासियों को तलहटी में स्थानांतरित करने की संभावना तलाश सकती है। केंद्रीय मंत्री ने कहा, "राज्य सरकार को ऐसे लोगों को प्राथमिकता के आधार पर पुनर्वास और स्थानांतरित करने की योजना बनानी चाहिए और एक समिति नियुक्त करनी चाहिए।" उन्होंने कहा कि इरशालवाड़ी जैसी घटना को रोकने के लिए पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों का स्थायी स्थानांतरण और पुनर्वास ही एकमात्र समाधान है।
खालापुर तहसील में सह्याद्रि पर्वत की ढलान पर स्थित इरशालवाड़ी गांव बुधवार की रात भारी भूस्खलन से जमींदोज हो गया। बचावकर्मियों को शनिवार तक 27 शव मिले हैं, जबकि कम से कम 81 लोगों का पता नहीं चल पाया है। अठावले को बताया गया कि इरशालवाड़ी के निवासियों ने वास्तव में नीचे आकर आवास का निर्माण किया था, लेकिन वन विभाग ने उन्हें उजाड़ दिया, जिसके कारण वे अपने मूल स्थान पर लौट आए।
उन्होंने सुझाव दिया, "वन विभाग नियमों और अधिनियमों द्वारा शासित होता है। ऐसे मामलों में, राज्य और केंद्र वन विभाग के साथ मुद्दों को हल कर सकते हैं। राज्य सरकार वन भूमि का अधिग्रहण कर सकती है और बदले में वैकल्पिक भूमि आवंटित कर सकती है।"
इस बीच, रायगढ़ रेजिडेंट डिप्टी कलेक्टर (आरडीसी) संदेश शिर्के ने कहा कि भूस्खलन से बचे लोगों को विभिन्न प्रमाण पत्र और सरकारी कार्ड जारी करने के लिए पिछले दो दिनों से शिविर आयोजित किए जा रहे हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि नुकसान का पंचनामा चौबीसों घंटे किया जा रहा है। शिर्के ने कहा कि ग्रामसभा प्रभावित परिवारों को आवंटित किए जाने वाले भूखंड के स्थान के बारे में फैसला करेगी और अंतिम मंजूरी राज्य सरकार द्वारा दी जाएगी।