रविंद्रा डोगरा बनीं नगर परिषद भुंतर की अध्यक्ष

Update: 2024-09-10 10:55 GMT
Bhuntar. भुंतर। भुंतर की नगर पंचायत को नया अध्यक्ष मिल गया है। रविंद्रा डोगरा नगर पंचायत की नई अध्यक्ष बनी है। नए अध्यक्ष के लिए सोमवार को बुलाई गई बैठक में सर्वसम्मति से इसका फैसला हुआ। इस दौरान कुल्लू के विधायक व सीपीएस सुंदर सिंह ठाकुर भी मौजूद रहे। वह करीब 15 महीने तक नगर पंचायत की कमान संभालेंगी। रविंद्रा डोगरा के अध्यक्ष बनते ही अब भुंतर नगर पंचायत पर भाजपा की बादशाहत खत्म हो गई है। दरअसल भुंतर में भाजपा के सात पार्षद चुनकर आए थे। लेकिन यह पार्षद ही आपस में दोफाड़ हुए हैं। सोमवार को जिस प्रकार स्थानीय विधायक मौके पर अपनी मौजूदगी दिखाते हुए और नई टीम के साथ जश्न मनाते नजर आए तो उससे तख्तापलट की पूरी कहानी खुद व खुद सामने आ गई। लिहाजा, नई टीम अब प्रदेश सरकार के हिसाब से ही चलेगी। पूर्व अध्यक्ष मीना ठाकुर की कुर्सी जाने के बाद नए अध्यक्ष के चयन के लिए शनिवार को प्रक्रिया आरंभ की गई थी, लेकिन सात में से केवल चार
पार्षद ही इसमें मौजूद रहे।


एसडीएम ने ऐसे में कोरम पूरा न होने के चलते सोमवार को दूसरी बैठक बुलाई थी। इसमें साधारण बहुमत के आधार पर ही कोरम पूरा हो गया। भुंतर में प्रधान पद महिला आरक्षित है। बैठक के आरंभ होने के दौरान कोई भी महिला पार्षद मौजूद न होने के कारण रविंद्रा डोगरा का नाम सर्वसम्मति से अध्यक्ष के लिए तय हो गया और निर्वाचन अधिकारी ने उनके नाम की घोषणा की। हालांकि उनके अध्यक्ष बनने के बाद भी नगर पंचायत में चुनौतियां का कम होना तय नहीं माना जा रहा है। दरअसल भुंतर वर्तमान में कचरा प्रबंधन की मुसीबत का सामना कर रहा है और इसी कचरे ने यहां की पूर्व प्रधान मीना ठाकुर की कुर्सी को निगला है। नई प्रधान के पास भी कचरा सयंत्र के लिए जगह तलाशने और कचरे को निष्पादित करने की चुनौती रहेगी। बजट वितरण में अब पहले से नाराज पार्षदों को कुछ राहत मिलेगी। माना जा रहा है कि जिन राजनैतिक हुक्मरानों के भरोसे पर भुंतर में यह तख्तापलट हुआ है, वह नई टीम को जरूर मददगार बन सकते हैं। विधायक सुंदर ठाकुर ने रविंद्रा डोगरा को अध्यक्ष बनने पर बधाई दी और कहा कि सरकार भुंतर के विकास को मदद करेगी।सोमवार को बैठक 11 बजे निर्वाचन अधिकारी द्वारा आरंभ की गई और उसके तुरंत बाद नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो गई। विरोधी पक्ष के तीनों पार्षद करीब 15 मिनट के बाद यहां बैठक में पहुंचे लेकिन तब तक चुनाव प्रक्रिया पूरी हो चुकी थी। इस पर निर्वाचन अधिकारी के साथ इनकी कहासुनी भी हुई और इसके बाद यह विरोध जताते हुए यहां से निकल गए।
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