रेप मामला: पीड़िता पर दबाव डलवाने फर्जी FIR, जानें हैरान करने वाला मामला

आईजी ने जांच के आदेश दिए.

Update: 2024-08-18 02:54 GMT

सांकेतिक तस्वीर

BIHAR NEWS: दुष्कर्म के आरोपित ने पीड़िता पर दबाव डलवाने के लिए उस पर दो-दो फर्जी एफआईआर दर्ज करवा दी। पीड़िता के 77 वर्षीय वृद्ध पिता को गोली चलवाने का अभियुक्त बनाया गया है। पीड़िता ने पुलिस से इसकी शिकायत की है। उसके आवेदन पर पटना रेंज आईजी गरिमा मलिक ने जांच के आदेश दिए हैं। मामला बिहार की राजधानी पटना का है। दरअसल केस उठाने के लिए पीड़ित परिवार को परेशान करने और कांड की जांच कर रही पुलिस को भ्रमित करने के लिए आरोपियों ने यह खेल खेला है।
पहला केस पाटलिपुत्र थाने में इसी वर्ष बीते 30 अप्रैल को आरोपित की मां की ओर से दर्ज किया गया। दूसरी एफआईआर छह जुलाई को दीघा थाने में आरोपित के फुफेरे भाई संतोष कुमार ने दर्ज करवाई। दीघा थाने में दर्ज केस में संतोष ने खुद पर गोली चलने का आरोप लगाया है। आश्चर्य की बात यह है कि दोनों ही मामलों में युवती के 77 साल के बुजुर्ग पिता, पीड़िता व अन्य लोगों पर केस दर्ज है। इस मामले की जानकारी मिलने के बाद पीड़िता अपनी फरियाद लेकर रेंज आईजी गरिमा मलिक के यहां पहुंची। रेंज आईजी ने पीड़िता की बात को सुनने के बाद दोनों जांच करने के आदेश दिये हैं।
वहीं जिस व्यक्ति पर युवती ने दुष्कर्म का आरोप लगाया है उसका नाम विशाल राय है। उस पर कुर्जी इलाके में चर्चित नीलेश मुखिया हत्याकांड सहित तकरीबन 17 मामले पटना के अलग-अलग थानों में दर्ज हैं। नीलेश मुखिया हत्याकांड में वह मुख्य साजिशकर्ता है। दुष्कर्म के मामले में आरोपित विशाल पहले बेऊर जेल में बंद था। प्रशासनिक दृष्टि से उसका तबादला बेऊर से भगालपुर जेल कर दिया गया।
पीड़िता ने बताया कि आरोपित विशाल और उसके परिजनों ने केस उठाने के लिए कई तरह के प्रलोभन दिये। इसके बाद भी जब वह न्याय के लिए लड़ती रही तो उसे धमकी मिलनी शुरू हो गई। पीड़िता ने विशाल पर 3 जून, 2022 को दुष्कर्म का केस किया था। पीड़िता तब से मानसिक प्रताड़ना झेल रही है। अब आरोपी को बचाने की नीयत से पीड़ित परिवार को ही कानूनी पचड़ों में फंसाकर परेशान किया जा रहा है।
इस मामले में पटना रेंज की आईजी गरिमा मल्लिक ने पीड़ित परिवार को न्याय का भरोसा दिया है। उन्होंने कहा है कि पीड़िता के आरोपों को गंभीरता से लिया गया है। उसके खिलाफ दर्ज दोनों मामलों में जांच के आदेश दिये गये हैं। जांच में जो तथ्य उभरकर सामने आएंगे उसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। कोई किसी को बेवजह परेशान नहीं कर सकता। पीड़ित परिवार की सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी।
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