NEW DELHI नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोमवार को मीडिया बातचीत में स्पष्ट किया कि राहुल गांधी रायबरेली से सांसद बने रहेंगे. वहीं उन्होंने उनके वायनाड सीट छोड़ने की घोषणा तो की ही साथ ही यह भी कहा कि, प्रियंका गांधी वायनाड से उपचुनाव लड़ेंगी. इस दौरान उन्होंने प्रियंका गांधी के एक पुराने स्लोगन 'लड़की हूं, लड़ सकती हूं' का प्रयोग करते हुए कहा कि वह वायनाड से उपचुनाव लड़ेंगी. इस तरह कांग्रेस ने एक ही दिन में दो बड़ी घोषणाएं की हैं. एक तो राहुल गांधी का निर्णय कि वह रायबरेली से ही सांसद बने रहेंगे और दूसरा कि कांग्रेस ने वायनाड उपचुनाव के लिए अपना प्रत्याशी भी उतार दिया है.
राहुल गांधी वायनाड सीट से पहली बार 2019 में चुनाव लड़े थे और उन्हें जीत भी मिली थी. तब अमेठी में राहुल गांधी को बीजेपी नेता स्मृति ईरानी के हाथों हार का सामना करना पड़ा था. अमेठी में हार के बाद राहुल गांधी वायनाड सीट से सांसद रहे. अब 2024 के चुनाव में राहुल एक बार फिर से दो सीटों से मैदान में उतरे थे. इसमें एक सीट वायनाड तो दूसरी रायबरेली सीट थी. इस बार राहुल दोनों ही सीटों पर जीत हासिल करने में सफल रहे. वायनाड की तुलना में राहुल को रायबरेली में ज्यादा बड़ी जीत मिली है.
इससे पहले रायबरेली की सीट कांग्रेस के पास ही थी और सोनिया गांधी सांसद थीं. 2024 के चुनाव से ठीक पहले सोनिया गांधी चुनावी राजनीति से खुद को अलग करते हुए राजस्थान से राज्यसभा के लिए चुनी गईं. सोनिया गांधी रायबरेली से पांच बार सांसद चुनी गई थीं. 2019 तक रायबरेली की सीट सोनिया गांधी के पास ही रही थी. सोनिया गांधी से पहले भी रायबरेली की सीट पर गांधी परिवार का वर्चस्व रहा था. यही वजह है कि रायबरेली की सीट गांधी परिवार की पारंपरिक सीट मानी जाती है.