राबड़ी देवी ने कही थी -ये राज हमें MLAs ने दिया, सिर्फ लालू प्रसाद के कहने से थोड़े न दे देते
लालू यादव का नाम चारा घोटाले में आया तो चौतरफा आलोचनाओं और दबावों के कारण उन्हें मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने को मजबूर होना पड़ा।
साल 1997 में जब लालू यादव का नाम चारा घोटाले में आया तो चौतरफा आलोचनाओं और दबावों के कारण उन्हें मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने को मजबूर होना पड़ा। उन्होंने अपनी पत्नी राबड़ी देवी को बिहार का मुख्यमंत्री बना दिया। मुख्यमंत्री पद को लेकर जब एक इंटरव्यू में राबड़ी देवी से सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि ये राज हमें MLAs ने दिया, सिर्फ लालू प्रसाद के कहने से थोड़े न दे देते।
राबड़ी देवी के मुख्यमंत्री बनने के बाद वरिष्ठ पत्रकार तवलीन सिंह ने उनका इंटरव्यू किया था। इंटरव्यू के दौरान तवलीन सिंह ने राबड़ी देवी से सवाल पूछते हुए कहा कि अगर आपको आपके पति लालू यादव ये राज ना देते तो क्या आप राजनीति में आतीं। इसपर राबड़ी देवी ने कहा कि मेरे पति मुझे राज कैसे दिए..ये राज हमें MLAs ने दिया, सिर्फ लालू प्रसाद के कहने से थोड़े न दे देते।
इस इंटरव्यू के दौरान तवलीन सिंह ने राबड़ी देवी से यह भी सवाल पूछा कि क्या आप मुख्यमंत्री बनने से पहले भी राजनीति में दिलचस्पी लिया करती थीं। इस सवाल के जवाब में राबड़ी देवी ने कहा कि मुख्यमंत्री बनने से पहले वो घरेलू काम किया करती थीं और लालू यादव ही राजनीति किया करते थे। साथ ही जब तवलीन सिंह ने यह पूछा कि क्या मुख्यमंत्री बनने से पहले आपकी जिंदगी अच्छी थी या अब अच्छी हो गई है तो उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा कि पहले ही अच्छी थी।
राबड़ी देवी से इंटरव्यू के दौरान यह भी पूछा गया कि क्या आप सरकारी कामकाज में अपने पति लालू यादव की मदद भी लेती हैं। इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि क्यों हम उनसे मदद लें, किसी किसी फाइल में उनसे विमर्श करते हैं। साथ ही राबड़ी देवी ने कहा कि मेरे मुख्यमंत्री बनने के बाद वो कई महीनों तक जेल में भी रहे, उस दौरान भी मैंने बिना मदद के सरकार चलाई।
1997 में जब लालू को चारा घोटाले में मुख्यमंत्री पद से इस्तीफ़ा देना पड़ा था तब उनके राजनीतिक विरोधियों को लगा कि लालू का राजनीतिक करियर अब खत्म होने की कगार पर है। लेकिन राजनीति के शानदार खिलाड़ी लालू यादव ने ऐसी चाल चली कि हर कोई अवाक रह गया। लालू यादव ने अपनी पत्नी राबड़ी देवी को मुख्यमंत्री बना दिया। बेहद ही कम पढ़ी लिखी राबडी देवी ने लालू यादव की गैर मौजूदगी में सरकार की कमान संभाली और लंबे समय तक बिहार की मुख्यमंत्री बनी रहीं।