QRSAM: 6 मिसाइल का सफलतापूर्ण परीक्षण, सामने आया वीडियो

Update: 2022-09-08 06:36 GMT

न्यूज़ क्रेडिट: आजतक

नई दिल्ली: भारतीय सेना (Indian Army) और भारतीय रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने आज यानी 8 सितंबर को क्विक रिएक्शन सरफेस टू एयर मिसाइल (QRSAM) का सफल परीक्षण किया. ओडिशा के चांदीपुर स्थित इंटीग्रेटेड टेस्टिंग रेंज (ITR) से छह मिसाइलें दागी गईं. मिसाइलों को दागने के दौरान यह देखा गया कि क्या वो तेज गति से आ रहे टारगेट पर सटीकता से हमला कर पाते हैं या नहीं.
परीक्षण के दौरान कई तरह की परिस्थितियों को पैदा किया गया. जिसमें दुश्मन का हवाई टारगेट तेज गति से आता है. उसे खत्म करने के लिए QRSAM को लॉन्च किया जाता है. इस दौरान लॉन्ग रेंज मीडियम एल्टीट्यूड, शॉर्ट रेंज, हाई एल्टीट्यूड मैनुवरिंग टारगेट, लो राडार सिग्नेचर, क्रॉसिंग टारगेट्स और दो मिसाइलों को एक के एक बाद दागकर टारगेट के बचने और खत्म होने की समीक्षा की गई. परीक्षण को दिन और रात दोनों परिस्थितियों में किया गया.
क्विक रिएक्शन सरफेस टू एयर मिसाइल (QRSAM) ने सभी मानकों को पूरा किया. सटीकता से साथ टारगेट पर हमला किया. इस दौरान मिसाइल के वॉरहेड चेन की भी जांच की गई. सारे परीक्षणों के बाद यह बात पुख्ता हो गई कि भारतीय QRSAM सिस्टम बेहतरीन, घातक, तेज और सटीक है. डीआरडीओ ने फ्लाइट टेस्ट के दौरान टेलीमेट्री, राडार और इलेक्ट्रो ऑप्टिकल ट्रैकिंग सिस्टम की भी जांच की. ताकि यह पता चल सके कि ये सभी मिसाइल और दुश्मन के टारगेट को सही से ट्रैक कर रहे हैं या नहीं. सभी सिस्टम बखूबी काम कर रहे थे.
इन परीक्षणों के बाद QRSAM को सेना को सौंप दिया जाएगा. इन मिसाइलों में स्वदेशी रेडियो फ्रिक्वेंसी सीकर (RF Seeker) लगे हैं. इस सिस्टम में इसके अलावा मोबाइल लॉन्चर, ऑटोमेटेड कमांड एंड कंट्रोल सिस्टम, सर्विलांस और मल्टी-फंक्शन राडार होता है. आप इस मिसाइल को दागने के बाद भूल जाइए. यह अपने टारगेट का पीछा करके मारता है. मिसाइल की इस क्षमता का सफल परीक्षण आज हुए टेस्ट के दौरान कर लिया गया.
भारतीय स्वदेशी क्विक रिएक्शन सरफेस टू एयर मिसाइल (QRSAM) के ऊपर HMX/TNT या प्री-फ्रैगमेंटेड वॉरहेड लगाया जा सकता है. वॉरहेड का वजन 32 किलोग्राम हो सकता है. मिसाइल की रेंज 3 से 30 किलोमीटर है. यह 98 फीट ऊंचाई से लेकर 33 हजार फीट की ऊंचाई तक जा सकती है. इसकी अधिकतम गति मैक 4.7 यानी 5757.70 किलोमीटर प्रतिघंटा है. इसे छह ट्यूब वाले लॉन्चर ट्रक से दागा जा सकता है.

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