Barasaat से निपटने के लिए पीडब्ल्यूडी-एनएचएआई ने तय की समय सीमा

Update: 2024-07-01 09:41 GMT
Shimla. शिमला। पीडब्ल्यूडी ने मानसून से निपटने की तैयारी पक्की कर ली है। कहीं भी सडक़ बंद होती है तो 60 मिनट में बहाल कर लिया जाएगा। विभाग ने सभी डिवीजन पर अतिरिक्त मशीनरी के साथ ही कर्मचारियों के भी प्रबंध कर दिए हैं। पीडब्ल्यूडी ने पहले ही अपने सभी कर्मचारियों की छुट्टियों पर रोक लगा दी है,जबकि 350 से अधिक भारी मशीनरी संवेदनशील जगहों पर तैनात की गई हैं। विभाग ने अब तीसरा कदम सडक़ बहाल करने को लेकर उठाया है। विभाग ने सडक़ बाधित होने की स्थिति में इसे ज्यादा से ज्यादा 60 मिनट में बहाल करने का लक्ष्य तय किया है, जबकि पुल गिरने की स्थिति में दस दिन में नए बैली ब्रिज को जोडक़र यातायात को बहाल करने की भी तैयारी की गई है। पीडब्ल्यूडी की तर्ज पर एनएचएआई ने भी नेशनल हाई-वे को 60 मिनट में खोलने का लक्ष्य तय किया है। गौरतलब है कि पिछले साल बरसात से 19 पुल धराशायी हो गए थे। जबकि सडक़ों पर भूस्खलन की वजह से 2900 करोड़ से ज्यादा का
नुकसान विभाग को उठाना पड़ा था।

विभाग ने इस बार 17 वैली ब्रिज खरीद लिए हैं। इन ब्रिज को अलग-अलग डिवीजन में रखा गया है और जरूरत पडऩे पर इनका इस्तेमाल किया जा सकता है। खास बात यह है कि सात दिन में बैली ब्रिज का इस्तेमाल किया जा सकता है। विभाग ने इस बार 206 जेसीबी, 110 डोजर और 28 मिनी रोबोट को तैनात किया है। एनएचएआई के क्षेत्रीय अधिकारी अब्दुल बासित ने बताया कि एनएच में भूस्खलन होता है तो, इसे तत्काल बहाल करने के निर्देश दिए गए हैं। जो कंपनियों फोरलेन का निर्माण कर रही हैं अपने-अपने दायरे में वो ही कंपनियां एनएच को बहाल करेंगी। इसके लिए अधिकतम समय 60 मिनट तय किया है। हालांकि मलबे की तादाद पर भी यह निर्भर करेगा कि कितने समय में इसे उठाया जा सकता है। पीडब्ल्यूडी के प्रमुख अभियंता एनपी सिंह ने बताया कि मानसून को लेकर सभी तरह की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। कहीं भी भूस्खलन से मार्ग बंद होता है, तो इसकी तत्काल जानकारी विभाग को मिलेगी। विभाग की टीम मौके पर पहुंच कर सडक़ पर यातायात को बहाल करेगी। कर्मचारियों की छुट्टियां अब मनमर्जी से नहीं हो पाएंगी। कोई कर्मी अवकाश पर जाना चाहता है, तो उसे सही कारण बताना होगा।
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