निजी अस्पतालों को कोरोना वैक्सीन बेचने के मामले में घिरी पंजाब सरकार

पंजाब सरकार ने हाल ही में राज्य के निजी अस्पतालों को कोवैक्सीन के टीकों की 42,000 डोज बेची थी.

Update: 2021-06-06 09:04 GMT

पंजाब सरकार ने हाल ही में राज्य के निजी अस्पतालों को कोवैक्सीन के टीकों की 42,000 डोज बेची थी. राज्य सरकार के इस फैसले के बाद भाजपा ने राज्य सरकार पर कोरोना के टीकों को ऊंचे दामों पर बेचने और इस से मुनाफा कमाने का आरोप लगाया था, साथ ही इस मामले में उचित जांच की मांग भी की थी. जिसके बाद पंजाब सरकार ने निजी अस्पतालों से इन टीकों को वापिस लेने का आदेश जारी कर दिया था. हालांकि अब इस मामले में जांच के दौरान एक बेहद अहम बात सामने आई है. इन टीकों की 42,000 में से 30,000 डोज केवल एक ही अस्पताल ने खरीदी है.

इंडियन एक्स्प्रेस में छपी रिपोर्ट के अनुसार पंजाब सरकार ने राज्य के 40 निजी अस्पतालों को कोवैक्सीन की ये 42,000 डोज बेची थी. चौंकाने वाली बात ये है कि इनमें से 30,000 डोज मोहाली स्थित मैक्स सुपर स्पेशिऐलिटी अस्पताल ने अकेले खरीदी थी. बाकी बचे 39 अस्पतालों ने 100 से लेकर 1,000 तक की संख्या में ये डोज खरीदी थी. बता दें कि मैक्स और फ़ोर्टिस अस्पताल देश के उन नौ चोटी के निजी अस्पतालों में शामिल हैं जिन्होंने वैक्सीन की 50 प्रतिशत डोज खरीदी हैं. मैक्स अस्पताल इस लिस्ट में दूसरे नंबर पर है. उसने अपने छह अस्पतालों के लिए वैक्सीन के तय कोटे में से 12.97 लाख डोज खरीदी हैं.
मांग के अनुसार की गयी थी सप्लाई
पंजाब में नोडल ऑफिसर विकास गर्ग के अनुसार, "निजी अस्पतालों को सरकार से वैक्सीन खरीदने का न्यौता दिया गया था. इन अस्पतालों की मांग के अनुसार ही उन्हें वैक्सीन की सप्लाई की गयी थी. कुछ अस्पतालों ने ज्यादा वैक्सीन की डिमांड की थी जबकि अन्य ने कम वैक्सीन मांगी थी." मैक्स अस्पताल के प्रवक्ता मुनीश ओझा ने बताया, "सरकार के आदेश के बाद खरीदी गयी वैक्सीन को वापिस लौटा दिया गया है. अभी हम इस मामलें में इतनी ही जानकारी दे सकते हैं."
बच्चों को विदेश भेजने के लिए कुछ परिजन चाहते थे जल्द टीकाकरण
केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता हरदीप सिंह पुरी ने इस मामले में जांच की मांग करते हुए आरोप लगाया था कि, पंजाब में लोगों को मुफ्त में टीका दिया जाना चाहिए था, मगर उसे ऊंचे दामों पर निजी अस्पतालों को बेचा गया है. हालांकि पंजाब सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, "राज्य में बहुत से लोग अपने बच्चों को विदेश भेजना चाहते थे, जिसके लिए उन्होंने उनके जल्द से जल्द टीकाकरण का अनुरोध किया था. इसके बाद राज्य सरकार ने इन निजी अस्पतालों को वैक्सीन देने का फैसला कियता था." साथ ही उन्होंने कहा, "वैक्सीन निर्माता कंपनी निजी अस्पतालों को कोवैक्सीन 1,040 रुपये प्रति डोज की दर पर बेचती है. हमनें इसी रेट पर निजी अस्पतालों को वैक्सीन की डोज बेची है. हमें कोवैक्सीन 420 रुपये प्रति डोज की दर पर मिलती है. यदि हमनें निजी अस्पतालों को इसी दर पर ये वैक्सीन बेची होती तब हमारे ऊपर गलत करने का आरोप लग सकता था."
पंजाब के स्वास्थ्य सचिव हुस्न लाल ने बताया, "इस निर्णय के पीछे राज्य सरकार की मंशा केवल लोगों के लिए वैक्सिनेशन आसान करना था. हालांकि हमारे इस फैसले पर विवाद के हमने वैक्सीन वापिस मंगाने का फैसला लिया है. अब इस मामले को यहीं विराम दे देना चाहिए."
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