मुंबई (आईएएनएस)| महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी द्वारा पिछले सप्ताह छत्रपति शिवाजी महाराज के बारे में की गई कुछ टिप्पणियों और तुलनाओं के खिलाफ सोमवार को दूसरे दिन भी विरोध प्रदर्शन जारी रहा। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी), शिवसेना (यूबीटी), महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में प्रदर्शन किया, जबकि कांग्रेस ने कोश्यारी को पद से हटाने की मांग की। सत्तारूढ़ गठबंधन बालासाहेबंची शिवसेना ने सवाल खड़ा किया और भारतीय जनता पार्टी ने कोश्यारी का बचाव किया।
गौरतलब है कि औरंगाबाद में एक समारोह में राज्यपाल ने छत्रपति शिवाजी महाराज को 'पुराने युग का प्रतीक' कहा और डॉ. बी.आर. अम्बेडकर व केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को 'आधुनिक समय के प्रतीक' के रूप में पेश किया, जिससे राज्य के राजनीतिक हलकों में हंगामा मच गया।
अपने भाषण में राज्यपाल ने कहा, अतीत में, जब आपसे पूछा जाता है कि आपका आइकान कौन है, तो उत्तर जवाहरलाल नेहरू, सुभाष चंद्र बोस या महात्मा गांधी का हुआ करता था। लेकिन महाराष्ट्र में आपको दूर देखने की आवश्यकता नहीं है। यहां कई प्रतीक हैं। छत्रपति शिवाजी महाराज पुराने समय के प्रतीक हैं, जबकि आधुनिक समय के प्रतीक अंबेडकर और नितिन गडकरी है।
मुंबई में एनसीपी ने राजभवन के पास एक प्रदर्शन किया, जबकि पुणे में 80 वर्षीय कोश्यारी का पुतला बनाकर विरोध स्वरूप उनकी 'धोती' को प्रतीकात्मक रूप से फाड़ दिया गया।
अन्य लोगों ने कोश्यारी के पोस्टर को चप्पलों से पीटते, उस पर काली पेंट/स्याही लगाकर विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने उन्हें उनके गृह-राज्य या वृद्धाश्रम में भेजने की मांग की।
राज्य के अन्य शहरों में भी इसी तरह का प्रदर्शन किया गया। विपक्ष के नेता अजीत पवार, उद्धव ठाकरे, नाना पटोले, सुप्रिया सुले, भाई जगताप आदि नेताओं ने टिप्पणी के लिए राज्यपाल की आलोचना की।
पटोले, एनसीपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता क्लाइड क्रैस्टो, संजय राउत, अरविंद सावंत, मनसे के गजानन काले, व शिवसेना (यूबीटी) नेताओं ने राज्यपाल की आलोचना की है और उन्हें पद से हटाने की मांग की है।
अन्य संगठनों जैसे संभाजी ब्रिगेड, मराठा क्रांति मोर्चा, जिजाऊ ब्रिगेड, छत्रपति शिवाजी महाराज के प्रत्यक्ष वंशज - छत्रपति उदयनराजे भोसले और छत्रपति संभाजी राजे ने राज्यपाल की आलोचना की।
उधर, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राज्यपाल का बचाव करते हुए कहा कि जब तक सूर्य और चंद्रमा है तब तक छत्रपति शिवाजी महाराज महाराष्ट्र केआदर्श रहेंगे।
फडणवीस ने कहा कि राज्यपाल को भी इस पर कोई संदेह नहीं है। उनकी टिप्पणियों की अलग-अलग तरह से व्याख्या की जा रही है।