अलवर। अलवर हम आपको ऐसी प्रोफेसर की कहानी बताने जा रहे हैं जिनकी कई शिष्याएं प्रदेश के विभागों का संचालन कर रही हैं। प्रोफेसर शिक्षा के क्षेत्र के अलावा सामाजिक कार्यों में भी हाथ बटा रही हैं। हम बात कर रहे हैं जीडी कॉलेज की रसायन विज्ञान विभाग की प्रोफेसर डॉ. रचना आसोपा की। उनका नाम सब कोई जानता है और काम भी। उनकी कई शिष्याएं आरएएस बनी हैं तो कोई दूसरी सेवाओं में नौकरी कर रही हैं। इस तरह अफसर बनीं छात्राएं: मूलत: जयपुर की रहने वाली प्रो. रचना आसोपा की नौकरी यहां कॉलेज में लगी। नौकरी यहां होने के कारण अलवर की ही निवासी बन गईं। प्रो. रचना की टीचर्स ऐसे थीं कि वह छात्राओं के साथ दोस्ताना व्यवहार रखती थीं। गुरुओं की यही कला प्रो. रचना में आ गईं। उन्होंने यहां कॉलेज की छात्राओं से शिक्षिका कम दोस्त की भूमिका ज्यादा अदा की। यही कारण है कि छात्राओं ने उनसे हर सवाल का जवाब चाहा और जहां मदद की आवश्यकता थी वह भी ली। प्रो. रचना की छात्रा टीना यादव अलवर के ही पर्यटन विभाग में सहायक निदेशक हैं।
इनके अलावा आरएएस तुलिका सैनी, शैफाली कुशवाहा आदि अफसर बन गईं। ये प्रदेश के कई विभागों में सेवाएं दे रही हैं। कुछ छात्राएं ऐसी हैं जो वकील बन गईं। कुछ सामाजिक कार्यों में बाजी मार रही हैं। पुलिस से लेकर अन्य सेवाओं में भी उनकी पढ़ाईं छात्राएं हैं। अलवर. हर किसी व्यक्ति में अध्ययन, अध्यापन और रचनात्मक शौक नहीं होता है। इस बेरोजगारी के युग में ऐसे शक्स भी मौजूद हैं जिनका प्रशासनिक सेवा और कई अच्छी सरकारी नौकरी में चयन होने के बाद भी अध्यापन का काम चुना। यह हैं कोमल कांत शर्मा, जो विद्यार्थियों को अध्यापन के साथ-साथ कई विद्यालयों में रिनोवेशन कार्य कई संगठनों के सहयोग करवा रहे हैं। इसमें हल्दीना में एजुकेशन क्रूज’, स्मार्ट क्लास, जीएसएलवी का लगभग 25 फीट बड़ा चित्र है आदि का निर्माण करवाया है। इन्होंने इतिहास शिक्षक के रूप में हर साल 100 फीसदी तक परिणाम दिया है। इनको अध्यापन कार्य कराते-कराते 18 साल गुजर गए हैं। इन्होंने पढ़ाई के साथ-साथ कई खिलाड़ियों को भी तैयार किया है जो आज राज्य स्तर पर अपनी प्रतिभा दिखा रहे हैं। नवाचार में विद्यार्थियों की बालिका सशक्तिकरण के लिए वीर बालिका टुकड़ी का गठन किया गया। उन्होंने बताया कि विद्यार्थियों की जिज्ञासा की क्षमता पैदा करने के लिए जीएसएलवी रॉकेट को 15 अगस्त को एक मॉडल को लांच कर दिया गया है जिसके माध्यम से विज्ञान के क्षेत्र में तरह-तरह के सिद्धांतों के बारे में बच्चों को सिखाया जा रहा है। वहीं कई विद्यालयों में आधुनिक लैबों को भी निर्माण कराया गया है।जिससे विद्यार्थी आसानी से प्रैक्टिकल कर सकें। इसके साथ ही सोशल मीडिया के माध्यम से विद्यार्थियों तक शिक्षा को जागृत कर रहे हैं।