Producers Association ने केंद्र और प्रदेश सरकार की गलत नीतियों को ठहराया जिम्मेदार
Thunag. थुनाग। सेब उत्पादक संघ लोकल की बैठकें बकसेड, पंजाई, बुरना, शालागाड में संपन्न हुई । बैठक में राज्य कमेटी सदस्य महेंद्र राणा भी उपस्थित थे। महेंद्र सिंह राणा ने बैठक में कहा कि केंद्र व प्रदेश सरकार की गलत, किसान और बागबान विरोधी नीतियों की वजह से आज सेब की बागबानी घाटे का सौदा बन गई है । जिसकी वजह से सेब में लागत बहुत ज्यादा आ रही है और इनकम बहुत कम हो रही है। इसलिए बागबान परेशान है और सेब की खेती को छोडऩे के लिए मजबूर है। सेब की खेती बिना सरकार की मदद के फायदे में नहीं हो सकती है। इसलिए आज बागबानों को संगठित होकर सरकार पर दबाव बनाने की जरूरत है।
दवाइयां और खादों में सबसिडी पुन: बहाल की जाए, जालियों और उपकरण पर लंबित पड़ी हुई सबसिडी बागबानों को शीघ्र मिले। बागवान को मंडियों की उचित व्यवस्था मिले और मंडियों में एपीएमसी एक्ट शक्ति से लागू किया जाए। एमएसपी को कानूनी अमली जामा पहनाया जाए। बागबानों का किराया पर किलोमीटर पर किलोग्राम से तय किया जाए। बालीचौकी क्षेत्र में कम से कम चार स्थानों पर एचपीएमसी और हिमफेड के कलेक्शन सेंटर या क्रय केंद्र खोले जाए । अगर सरकार ये कदम उठाती है तो निश्चित तौर पर सेब की खेती फायदे में होगी इसलिए इन तमाम मांगों को लेकर बागबान आने वाले 18 जुलाई को बाली चौकी में प्रदर्शन करेगी और अपना मांग पत्र बागबानी मंत्री को उपमंडल अधिकारी नागरिक बालीचौकी के माध्यम से मांग पत्र सौंपेगी। सेब उत्पादक संघ पूरे बाली चौकी क्षेत्र में लगभग 5000 सदस्यता करेगी और हर बागबान को सेब उत्पादक संघ का सदस्य बनाएगी।